टेलीमेडिसिन सेवा से बनारस में घर बैठे इलाज करा रहे लाभार्थी, फ्री ई-ओपीडी की सेवा का ले रहे लाभ

कोरोना से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सामान्य मरीजों को अस्पताल जाने की बजाय घर बैठे ही चिकित्सकीय परामर्श देने के लिए टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत की गयी है। जुलाई 2020 से ‘ई-संजीवनी ओपीडी एप’ व एक माह पश्चात ‘ई-संजीवनी डाट इन’ से मरीज टेलीमेडिसिन की सुविधा ले रहे हैं।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 04:24 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 04:24 PM (IST)
टेलीमेडिसिन सेवा से बनारस में घर बैठे इलाज करा रहे लाभार्थी, फ्री ई-ओपीडी की सेवा का ले रहे लाभ
मरीजों को अस्पताल जाने की बजाय घर बैठे ही चिकित्सकीय परामर्श देने के लिए टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत की है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना वायरस से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से सामान्य मरीजों को अस्पताल जाने की बजाय घर बैठे ही चिकित्सकीय परामर्श देने के लिए टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत की गयी है। इसके लिए सरकार की ओर से शुरू की गई ‘ई-संजीवनी ओपीडी एप’ और ‘ई-संजीवनी डाट इन’ के जरिए मरीज टेलीमेडिसिन की सुविधा की तरह समस्या बताकर ई-ओपीडी की तर्ज पर उपचार प्राप्त कर रहे हैं। एप के जरिए मरीज संबंधित चिकित्सक से वीडियो काल पर भी परामर्श ले सकते हैं। लाकडाउन और अस्पताल में भीड़-भाड़ से बचने के लिए सरकार ने यह पहल की है। जुलाई 2020 से ‘ई-संजीवनी ओपीडी एप’ और एक माह पश्चात ‘ई-संजीवनी डाट इन’ के जरिए मरीज टेलीमेडिसिन की सुविधा ले रहे हैं। नीति आयोग के आदर्श ब्लाक सेवापुरी में यह सुविधा सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर दी जा रही है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्‍टर वीबी सिंह ने बताया कि जनपद में टेलीमेडिसिन की सुविधा और चिकित्सीय परामर्श के लिए आईएमएस बीएचयू को टेलीमेडिसिन हब बनाया गया है। इस सुविधा के जरिये सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी, बुखार, खांसी, सिर दर्द, पेट दर्द, त्वचा संबंधी बीमारी, संक्रामक रोग, शुगर, ब्लड प्रेशर, कैंसर आदि के उपचार के लिए टेलीमेडिसिन के जरिये चिकित्सक व विशेषज्ञ से फ्री परामर्श लिया जा सकता है। उन्होने बताया कि यदि मरीज के पास एण्ड्रोइड/स्मार्ट फोन है तो वह ‘ई-संजीवनी ओपीडी एप’ को इंस्टाल करके या फिर ‘ई-संजीवनी डाट इन’ पोर्टल पर जाकर सुविधा प्राप्त कर सकता है। यदि मरीज इस कार्य में सक्षम नहीं है तो वह अपने नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर जाकर वहाँ तैनात कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) के माध्यम से इस सुविधा का लाभ ले सकता है। उन्होने बताया कि जल्द ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय को भी टेलीमेडिसिन का हब बनाया जाएगा जिसके लिए तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जनपदवासियों से अपील की है कि ऐसे लोग जो अस्पताल में जाने से झिझक रहे हैं या फिर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं वह टेलीमेडिसिन के माध्यम से निःशुल्क और बिना समय गवाएँ इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। 

जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम) रमेश कुमार वर्मा ने बताया कि जुलाई 2020 से सुचारु रूप से शुरू हुई इस सुविधा का लाभ जनपद में अबतक लगभग 1200 मरीज उठा चुके हैं। टेलीमेडिसिन के लिए सभी सीएचओ एवं एएनएम को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। टेलीमेडिसिन सुविधा के लिए तकनीकी सहयोग जापाईगो द्वारा दिया जा रहा है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग और जापाईगो के जिला प्रतिनिधियों द्वारा सभी सीएचओ और एएनएम को समय-समय पर फॉलो अप भी किया जा रहा है।  

सेवापुरी ब्लाक के खगरामपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सीएचओ धर्मेंद्र यादव ने बताया कि सेंटर पर जो भी मरीज आते हैं सबसे पहले उनकी काउन्सलिन्ग की जाती है। इसके बाद उनका आनलाइन पंजीकरण किया जाता है। फिर उन्हें चिकित्सक से टेलीमेडिसिन की सुविधा दिलाई जाती है। उन्होने बताया कि प्रतिदिन दो से तीन मरीजों को टेलीमेडिसिन की सुविधा दी जा रही है। कुछ दिन पहले बासमती देवी (60) जो पांच साल से शुगर की मरीज हैं, प्रति सप्ताह अपने फालो अप के लिए आती हैं और चिकित्सक से उचित परामर्श लेती हैं। वहीं गाँव की ममता चौहान (30) को थायराइड की समस्या थी जिसे टेलीमेडिसिन के जरिये उचित परामर्श प्रदान कर इलाज के लिए पीएचसी पर रेफर कर दिया गया। उन्होने बताया कि ज्यादातर सर्दी, खांसी, जुकाम के मरीज आते हैं जिन्हें उचित परामर्श दिया जाता है।

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