ayodhya : अपने अंदाज में ही डूबी रही काशी, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी आम दिनों की तरह ही कामकाज में व्यस्त रहे लोग

राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी बनारस शहर वैसे ही अल्लहड़ अलमस्त व मनमौजी अंदाज में दिखा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 09 Nov 2019 06:49 PM (IST) Updated:Sat, 09 Nov 2019 08:10 PM (IST)
ayodhya : अपने अंदाज में ही डूबी रही काशी, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी आम दिनों की तरह ही कामकाज में व्यस्त रहे लोग
ayodhya : अपने अंदाज में ही डूबी रही काशी, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी आम दिनों की तरह ही कामकाज में व्यस्त रहे लोग

वाराणसी [रत्नाकर दीक्षित]। राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी बनारस शहर वैसे ही अल्लहड़, अलमस्त व मनमौजी अंदाज में दिखा। शनिवार को शहर की नब्ज टटोलने के लिए निकलने पर किसी मोहल्ले अथवा बस्ती में तनिक भी असहज स्थिति का अहसास नहीं हुआ। सूरज निकलने के साथ ही हर तबका आम दिनों की तरह ही अपने कामकाज में व्यस्त दिखा। अलबत्ता, स्कूल-कालेज बंद होने के कारण सड़कों पर भीड़-भाड़ कम जरूर थी। शहर का लंका इलाका हो या कचहरी। बेनियाबाग रहा हो या मदनपुरा, हर जगह आम आदमी  रोजमर्रा की जिंदगी में व्यस्त था।

बात लंका से शुरू होती हैं। बनारस हिंदू यूनीवर्सिटी बंद होने के चलते लंका पर दोस्तों संग चहलकदमी कर रहे दीपक राठौर से जब पूछा गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कुछ बोलेंगे। पहले तो वह एकदम चुप हो गए। फिर धीरे से कहा, भाई सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्यों बोलने को कह रहे हैं। साथ में उनकी महिला मित्र मृणालिनी ने भी उनकी हां में हां मिला दीं। बोलीं, अब कोई कुछ न बोले इसलिए ही तो सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है, जो होना था वो हो गया। यहां से आगे बढऩे पर अस्सी आ गया। फैसले को लेकर यहां पर जरूर कुछ सुगबुगाहट थी।लेकिन सब सामान्य दिनों सा ही। बीच चौराहे पर कुछ विदेशी सैलानियों को लेकर घाट की ओर जा रहे गाइड सुमंत मिश्र से जब फैसले पर राय देने को कहा गया तो बोले, भाई साहब देखिए अभी मैं रोजी-रोटी में व्यस्त हूं। फिर कभी इत्मीनान से मिलने पर बात हो जाएगी। कुल मिलाकर यह कि बहुत ही बारीकी के साथ वह सवाल को टाल गए। शिवाला होते हुए मदनपुरा आने के बाद सड़क पर चाय-पान की दुकानों पर जरूर अड़ी लगी दिखी। इन अडिय़ों पर कुछ लोगों से फैसले को लेकर बात हुई। नदीम भाई यह कहने से नहीं चूके कि आखिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी को संतुष्ट कर गया। यदि कोई संतुष्ट नहीं है तो समझो वह अपनी दुकान चला रहा है।

बाबा दरबार की चाक-चौबंद व्यवस्था

देवाधिदेव महादेव यानी श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर व ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। हर प्वाइंट पर तैनात सुरक्षाकर्मी मुस्तैद दिखे। हां, यह दीगर है कि रोज की भांति शनिवार को भी श्रद्धालु दर्शन-पूजन को पहुंचे और बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया।

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