उत्तर भारत में एपीडा का पहला कार्यालय बनारस में खुला, किसानों को उपज वैश्विक बाजार में बेचने का मिला प्लेटफार्म

बनारस में एपीडा का कार्यालय खुलने से किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए अपनी उपज को वैश्विक बाजार में भेजने का एक बेहतर प्लेटफार्म मिल गया है। ऐसे में वाराणसी ही नहीं पूर्वांचल में कृषि उपज निर्यात को पंख लगना तय है।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Thu, 17 Dec 2020 09:01 PM (IST) Updated:Thu, 17 Dec 2020 09:13 PM (IST)
उत्तर भारत में एपीडा का पहला कार्यालय बनारस में खुला, किसानों को उपज वैश्विक बाजार में बेचने का मिला प्लेटफार्म
कलक्ट्रेट के पास बागवानी परिसर में फीता काट कर कार्यालय का उद्घाटन करते हुए एपीडा के अध्यक्ष डा. एम. अंगामुथु।

वाराणसी, जेएनएन। उत्तर भारत में खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) का पहला कार्यालय (केंद्र) गुरुवार को बनारस में खुला। ऐसे में अब यूपी के निर्यातकों को नई दिल्ली स्थित हेड आफिस की दौड़ नहीं लगानी होगी। बनारस में एपीडा का कार्यालय खुलने से किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए अपनी उपज को वैश्विक बाजार में भेजने का एक बेहतर प्लेटफार्म मिल गया है। ऐसे में वाराणसी ही नहीं पूर्वांचल में कृषि उपज निर्यात को पंख लगना तय है।

कलेक्ट्रेट के पास बागवानी परिसर में फीता काट कर कार्यालय का उद्घाटन करते हुए एपीडा के अध्यक्ष डा. एम. अंगामुथु ने कहा कि पूर्वांचल में फलों, सब्जियों, चावल सहित अन्य फसलों के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। कृषि उपज निर्यात की क्षमता को देखते हुए एपीडा बनारस को एग्री एक्सपोर्ट हब के रूप में स्थापित करने के प्रयास जुटा हुआ है। इस क्रम में फल व सब्जियों को निर्यात से जोडऩे में सफलता भी मिली। अब राइस शिपमेंट को वैश्विक बाजार में लाया गया। 16 दिसंबर को वाराणसी क्षेत्र से 532 मीट्रिक टन चावल कतर भेजा गया। किसान की आय दोगुनी करने और निर्यात बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री के मिशन को पूरा करने के प्रयास एपीडा तेजी से आगे बढ़ रहा है। मौके पर कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, एपीडा के  सचिव डा. सुधांशु, एजीएम डा. सीबी सिंह, जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्त, पद्मश्री डा. रजनीकांत सहित बागवानी व कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि काशी के कृषि उत्पाद अब तेजी से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार की तरफ बढ़ रहे है, और इसी क्रम में एपिडा के चेयरमैन डॉ एम अंगामुत्थु ने रामनगर का भ्रमण किया और जी आई कि प्रक्रिया ने शामिल रामनगर भंटा और आदम चीनी चावल की खुशबू को  करीब से महसूस किए। एपिडा के चेयरमैन ने रामनगर भंटा और आदम चीनी चावल को रामनगर जाकर देखा और किसानों से बात कर के आगे सहयोग और निर्यात बढ़ाने का भरोसा दिया। जीआइ विषेशज्ञ पद्मश्री डा. रजनीकांत ने बताया कि नाबार्ड के सहयोग से काशी क्षेत्र के बनारस लंगड़ा आम, रामनगर भंटा, आदम चीनी धान और पान के पत्ते की जी आई पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है, अब काशी और पूर्वांचल के और भी कृषि उत्पाद इस प्रक्रिया में शामिल होंगे ।।

chat bot
आपका साथी