मीरजापुर समेत देश के आठ शहरों में आक्सीजन प्लांट लगाएगी अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन, कोरोना संक्रमण काल में मिलेगी सुविधा

कोरोना की तीसरी लहर के दौरान देश में ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए विदेश की संस्थाएं भी आगे आई हैं। ये संस्थाएं संयुक्त रूप से खुद के खर्चे पर देश में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम कर रही हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 05 Jul 2021 05:11 PM (IST) Updated:Mon, 05 Jul 2021 05:11 PM (IST)
मीरजापुर समेत देश के आठ शहरों में आक्सीजन प्लांट लगाएगी अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन, कोरोना संक्रमण काल में मिलेगी सुविधा
मीरजापुर समेत देश के आठ शहरों में आक्सीजन प्लांट लगाएगी अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन

मीरजापुर, प्रशांत यादव। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान देश में ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए विदेश की संस्थाएं भी आगे आई हैं। ये संस्थाएं संयुक्त रूप से खुद के खर्चे पर देश में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम कर रही हैं। आने वाले समय में ये संस्थाएं देश के आठ स्थानों पर प्लांट लगाएंगी। इसमें उत्तर प्रदेश के मीरजापुर, महाराष्ट्र, उड़ीसा, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, हैदराबाद सहित कुछ अन्य प्रदेश शामिल हैं।

देश के मुंबई, राजस्थान, कानपुर, दिल्ली आदि स्थानों के आइआइटी की छात्र-छात्राएं आज कई बड़े-बड़े ओहदों पर पहुंच गए हैं। वे देश ही नहीं, विदेशों की बड़ी कंपनियों में भी ऊंचे पदों पर आसीन हैं। ऐसे एनआरआइ व इआइटी के छात्र कोरोना के दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से मौत का मंजर देख परेशान हुए। ऑक्सीजन की किल्लत से अब किसी मौत न होने देने के लिए पूरे देश में अपने खर्च पर ऑक्सीजन प्लांट लगने का निर्णय लिया। सरकार से मिलकर देशभर में प्लांट लगाने की बात कही तो सरकार ने उन्हें प्लांट लगाने की अनुमति प्रदान कर दी।

ऐसे करती हैं कार्य

अमेरिका और भारत में रहने वाले कुछ एनाआरआइ ने अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन बनाया है। यह फाउंडेशन आपदा में मदद के लिए आर्थिक सहयोग करती हैं। अब आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए रुपये मुहैया कराएंगी। जबकि आइआइटी स्वाट के नाम से बनी संस्था में वर्तमान और पूर्व छात्र-छात्राएं हैं, जो प्लांट लगाने के लिए स्थान का चयन कर रही हैं। वहीं इंडियन बायोगैस एसोसिएशन के लोग प्लांट लगाने के साथ ही इसकी देखरेख का कार्य कर रहे हैं।

ये है संस्थाओं का उद्देश्य

अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन, आइआइटी स्वाट व इंडियन बायोगैस एसोसिएशन नामक तीनों संस्थाओं का यह उद्देश्य है कि वे समाज सेवा करने का काम करेंगी। आपदा के दौरान लोगों की मदद करेंगी जिससे जानमाल का नुकसान कम हो। कोरोना काल में उनका मकसद है कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत न हो। ऐसे में जहां-जहां जरूरत पड़ेगी, वे प्लांट लगाने का काम करेंगे।

देश की सेवा में लगे हैं लोग

अमेरिकन इंडियन फाउंडेशन में सभी आइआइटी के पूर्व छात्र-छात्राएं हैं जो आज विदेशों में बड़े ओहदे पर तैनात हैं। ऐसे में अब वे लोग देश के लिए कुछ बेहतर काम करने का प्रयास कर रहे हैं।

यहां लगे ऑक्सीजन प्लांट

ये संस्थाएं राजस्थान के कोटा व उत्तर प्रदेश के मीरजापुर में आक्सीजन के प्लांट लगा चुकी हैं। इसके बाद उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, हैदराबाद, मुंबई आदि शहरों में प्लांट लगाने का काम करेंगी।

एक घंटे में बनाते हैं 15 हजार लीटर ऑक्सीजन

ये ऑक्सीजन प्लांट एक घंटे में 15 हजार लीटर प्राकृतिक ऑेक्सीजन पैदा करते हैं। छोटे प्लांट 35 बेड को तो बड़े प्लांट 100 बेड को ऑक्सीजन मुहैया कराते हैं।

तीन संस्थाओं की ओर से देश के आधा दर्जन प्रांतों में अभी ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा

तीन संस्थाओं की ओर से देश के आधा दर्जन प्रांतों में अभी ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा। इसकी कवायद चल रही है। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर में यह पहला प्लांट लगा है। जरूरत होगी तो और भी प्लांट लगाएं जाएंगे।

- चेतन कुमार, प्रबंधक इंडियन बायोगैस एसोसिएशन

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