वाराणसी में जल्द और तीन ब्लाकों के 73 हजार बच्चों तक पहुंचेगी अक्षयपात्र की थाली, बेहतर भोजन देने की तैयारी

वाराणसी के सेवापुरी के बाद अब और तीन ब्लाकों के 73 हजार बच्चों तक अक्षयपात्र की थाली पहुंचेगी। नवंबर में यहां से हरहुआ ब्लाक में बच्चों में दोपहर के भोजन का वितरण होने लगेगा तो दो अन्य ब्लाक भी जनवरी तक कवर कर लिए जाएंगे।

By sarvesh mishraEdited By: Publish:Sun, 02 Oct 2022 07:51 PM (IST) Updated:Sun, 02 Oct 2022 07:51 PM (IST)
वाराणसी में जल्द और तीन ब्लाकों के 73 हजार बच्चों तक पहुंचेगी अक्षयपात्र की थाली, बेहतर भोजन देने की तैयारी
तीन ब्लाकों के 73 हजार बच्चों तक अक्षयपात्र की थाली पहुंचेगी

जागरण संवाददाता, वाराणसी : सेवापुरी के बाद अब और तीन ब्लाकों के 73 हजार बच्चों तक अक्षयपात्र की थाली पहुंचेगी। नवंबर में यहां से हरहुआ ब्लाक में बच्चों में दोपहर के भोजन का वितरण होने लगेगा तो दो अन्य ब्लाक भी जनवरी तक कवर कर लिए जाएंगे। विदित हो कि सात जुलाई को अक्षय पात्र का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्घाटन किया था।

सेवापुरी ब्लाक के छात्रों तक पहुंच रही अक्षय पात्र के खाने के स्वाद और गुणवत्ता की चर्चा पूरे जिले में है। ऐसे में अन्य ब्लाकों के बच्चे भी इसको पाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। हालांकि, यह अब पहले हरहुआ ब्लाक के बच्चों को मिलेगा। नवंबर से वहां संचालन के बाद जनवरी तक पिंडरा सहित अन्य दो ब्लाकों में वितरण होगा। इसे लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।

हरहुआ ब्लाक के 127 स्कूलों में 24 हजार आठ सौ 48 बच्चे पंजीकृत हैं। चूंकि यह ब्लाक शहर से नजदीक है, ऐसे में सेवापुरी के बाद इस ब्लाक को चुना गया है। विदित हो कि देश में अक्षय पात्र की वाराणसी में यह 62वीं और प्रदेश में पांचवीं रसोई है। यह अत्याधुनिक केंद्रीकृत रसोई अर्दली बाजार के एलटी कालेज परिसर में तीन एकड़ के क्षेत्र में स्थापित है।

यह है रसोई की खूबी

इस रसोई की मुख्य मुख्य विशेषता स्वचालित मशीनें और बच्चों तक पहुंचने वाला गर्मागर्म भोजन है। प्रतिघंटा 40 हजार रोटियों को सेकने की क्षमता वाली रोटी मशीनें, हाइड्रोलिक सिस्टम के साथ 700 लीटर क्षमता वाली चावल की कड़ाही, 12 सौ लीटर क्षमता वाली दाल की कड़ाही और जल शोधन के लिए आरओ प्लांट हैं।

सेवापुरी ब्लाक के बाद हरहुआ में नवंबर से यहां का भोजन पहुंचने लगेगा

सेवापुरी ब्लाक के बाद हरहुआ में नवंबर से यहां का भोजन पहुंचने लगेगा। इसके साथ ही पिंडरा सहित कुछ और ब्लाकों में भी जनवरी के अंत तक बच्चों को यहां से भोजन मिलने की प्रक्रिया पर काम हो रहा है।

-डा. अरविंद पाठक, बीएसए

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