PM Varanasi Visit : अक्षय पात्र में एक घंटे में बनेगी 40 हजार रोटी, 45 मिनट में पकेगा 130 किलो चावल
PM Modi Varanasi Visit अक्षय पात्र फाउंडेशन की ओर से अर्दली बाजार के एलटी कालेज परिसर में स्थापित केंद्रीयकृत मध्याह्न भोजन रसोई में एक घंटे में 40 हजार रोटियां बनेंगी तो 45 मिनट में 130 किलोग्राम चावल पक जाएगा। पहले चरण में 27000 बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : अक्षय पात्र फाउंडेशन की ओर से अर्दली बाजार के एलटी कालेज परिसर में स्थापित केंद्रीयकृत मध्याह्न भोजन रसोई में एक घंटे में 40 हजार रोटियां बनेंगी तो 45 मिनट में 130 किलोग्राम चावल पक जाएगा। वहीं 1200 किलोग्राम दाल-सब्जी पकने में सिर्फ 1.30 घंटे लगेंगे जो छह हजार बच्चों के लिए पर्याप्त होगा। आटा गूंथने से लेकर रोटी बनाने, चावल-दाल-सब्जी धोने, मसाला पीसने और पकाने तक का काम अत्याधुनिक मशीनों से होगा। इस तरह इस रसोई को प्लांट कहा जा सकता है। इसकी क्षमता चार घंटे में एक लाख बच्चों का भोजन तैयार करने की है, लेकिन पहले चरण में 27000 बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रधानमंत्री सात जुलाई को इसका उद्घाटन करेंगे और अगले दिन से सेवापुरी ब्लाक के 48 विद्यालयों में गरमा-गरम भोजन बच्चों तक पहुंचाया जाने लगेगा। अक्षय पात्र फाउंडेशन के नेशनल प्रेसीडेंट आपरेशन एंड प्रोजेक्ट्स भारतअर्शभ दास ने बताया कि एहतियातन मशीनों का बैकअप तैयार ऱखा गया है। रोटी बनाने की दो, चावल पकाने की छह व दाल-सब्जी के लिए चार मशीनें लगाई गई हैं। साथ ही दो टन क्षमता का कोल्ड स्टोर भी बनाया गया है।
श्रील प्रभुपाद का सपना साकार करेगी देश की 62वीं और प्रदेश की चौथी रसोई
वास्तव में श्रील प्रभुपाद ने 1972 में ही हर को भोजन का संकल्प जताया था। इसके तहत ही अक्षय फाउंडेशन ने वर्ष 2000 में पांच स्कूलों के 1500 बच्चों को भोजन से शुरूआत की जो कुछ ही माह में 40 हजार बच्चों तक पहुंची। वर्ष 2003 में कर्नाटक सरकार से अनुबंध हुआ और सरकारी मदद भी मिलने लगी।
अब देश के 14 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों में 61 स्थानों पर रसोई स्थापित कर 20 लाख बच्चों को भोजन कराया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 2004 में पहली रसोई मथुरा-वृंदावन में स्थापित की गई। वर्ष 2014 में लखनऊ व 2018 में गोरखपुर में किचेन बनाया गया। मथुरा-वृंदावन और लखनऊ में डेढ़-डेढ़ लाख और गोरखपुर में 10 हजार बच्चों को भोजन मिल रहा है। बनारस की रसोई के लिए प्रदेश सरकार ने तीन एकड़ जगह और 13 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। शेष धन की व्यवस्था संस्था ने की है।