चरित्र से दुर्बल व्यक्ति जीवन में कुछ नहीं प्राप्त कर सकता

चरित्र से दुर्बल व्यक्ति जीवन में कुछ नहीं प्राप्त कर सकता

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Aug 2022 04:02 AM (IST) Updated:Thu, 11 Aug 2022 04:02 AM (IST)
चरित्र से दुर्बल व्यक्ति जीवन में कुछ नहीं प्राप्त कर सकता
चरित्र से दुर्बल व्यक्ति जीवन में कुछ नहीं प्राप्त कर सकता

चरित्र से दुर्बल व्यक्ति जीवन में कुछ नहीं प्राप्त कर सकता

जागरण संवाददाता, वाराणसी : आजादी के अमृत महोत्सव पर रामकृष्ण अद्वैत आश्रम की ओर से बुधवार को विवेकानंद सभागार में युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया। रामकृष्ण मठ राजकोट के अध्यक्ष स्वामी निखिलेश्वरानंद ने जीवन जीने की कला विषय पर अपना वक्तव्य रखा। उन्होंने कहा कि आत्मा से कमजोर और चरित्र से दुर्बल व्यक्ति जीवन में कभी भी कुछ प्राप्त नहीं कर सकता। यदि मनुष्य में आत्म श्रद्धा हो तो उसे सफलता प्राप्त करने में सुगमता होती है, किंतु आत्मश्रद्धा के साथ मनुष्य को जीवन में सफल होने के लिए स्वामी विवेकानंद के आदर्श की आवश्यकता भी होती है।

बीएचयू के संयुक्त सचिव डा. मयंक नारायण सिंह ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में छात्रों को उपलब्ध विभिन्न कैरियर विकल्पों से अवगत कराते हुए उन्होंने उनका मार्ग दर्शन किया। भारतीय स्वतंत्रता पर बीएचयू के शोधार्थी तीर्थ गांगुली ने वक्तव्य रखा। कार्यक्रम समीक्षा श्री देवाशीष दास ने तथा धन्यवाद ज्ञापन स्वामी राजेंद्रानंद ने किया। सम्मेलन में काशी के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया। स्वागत आश्रम अध्यक्ष स्वामी विश्वात्मानंद ने किया। संचालन उत्कर्ष चौबे ने किया। छात्रों के बीच विवेकानंद साहित्य का वितरण किया गया।

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