उपाधि ने दी जम्मू तक को टेंशन

जागरण संवाददाता, वाराणसी : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शास्त्री-आचार्य सहित अन्य कक्षाओं क

By Edited By: Publish:Thu, 05 Mar 2015 06:39 PM (IST) Updated:Thu, 05 Mar 2015 06:39 PM (IST)
उपाधि ने दी जम्मू तक को टेंशन

जागरण संवाददाता, वाराणसी : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शास्त्री-आचार्य सहित अन्य कक्षाओं की उपाधि को लेकर जम्मू कश्मीर तक के परीक्षार्थियों में तनाव है। 13 राज्यों से संबद्ध कालेजों के छात्र उपाधि के लिए विश्वविद्यालय की दौड़ लगा रहे हैं। दूसरी ओर विश्वविद्यालय में वर्तमान सत्र की उपाधि अब तक तैयार नहीं हो सकी है। इसके पीछे विश्वविद्यालय का अपना तर्क है। बहरहाल इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।

विश्वविद्यालय का क्षेत्राधिकार पूरे देश में है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के अलावा, पंजाब, सिक्किम, गुजरात, झारखंड, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, जम्मू कश्मीर राज्यों में करीब 530 कालेज विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। पहले संबद्ध कालेजों के छात्रों को भी उपाधि विश्वविद्यालय से ही वितरित की जाती थी। छात्रों की समस्या को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने पिछले तीन वर्षो से यह व्यवस्था बदल दी। नए नियम के तहत दीक्षांत समारोह के तत्काल बाद संबद्ध कालेजों के छात्रों की उपाधि संबंधित महाविद्यालयों को सौंप दी जाती है। ऐसे में अब संबद्ध कालेजों के छात्रों को काफी सहूलियत हो गई है। वहीं वर्तमान सत्र में संबद्ध कालेजों को अब तक उपाधि नहीं सौंपी गई है।

अब तक नहीं बनी उपाधियां

विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह 19 दिसंबर- 2014 को कराया गया था। बावजूद अब तक छात्रों की उपाधि नहीं तैयार हो सकी है। आवश्यकता पड़ने पर छात्रों को तत्काल उपाधि बना कर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके पीछे विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि बीच में कुलपति बदल जाने के कारण सभी उपाधियों पर हस्ताक्षर नहीं हो सके थे। ऐसे में इस वर्ष उपाधि तैयार करने में कुछ विलंब हुआ है। कुलपति प्रो. यदुनाथ दुबे का कहना है कि इस वर्ष भी संबद्ध कालेजों को उपाधियां प्रेषित की जाएंगी। इस दिशा में कार्य चल रहा है।

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