बीमा अधिनियम में सरकार करे संशोधन

वाराणसी : भारतीय जीवन बीमा निगम के अभिकर्ताओं ने केंद्र सरकार की नीतियों से नाराज मंडल कार्यालय (भेल

By Edited By: Publish:Mon, 24 Nov 2014 09:22 PM (IST) Updated:Mon, 24 Nov 2014 09:22 PM (IST)
बीमा अधिनियम में सरकार करे संशोधन

वाराणसी : भारतीय जीवन बीमा निगम के अभिकर्ताओं ने केंद्र सरकार की नीतियों से नाराज मंडल कार्यालय (भेलूपुर) परिसर में सोमवार को धरना-प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

सभा में लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स फेडरशन ऑफ इंडिया के मंडल अध्यक्ष अवधेश पाडेय ने कहा कि सरकार बीमा अधिनियम में संशोधन करे ताकि बीमाधारकों को राहत मिले। उन्होंने कहा कि बीमा व्यवसाय एक सामाजिक सुरक्षा से जुड़ा विषय है, इसलिए देश के प्रथम प्रधानमंत्री ने आम आदमी को इसका सुरक्षा कवच प्रदान करने के उद्देश्य से सैकड़ों निजी बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करते हुए वर्ष 1956 में एक सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना की थी। कंपनी को सभी प्रकार के टैक्स से रियायत प्रदान की लेकिन केंद्र सरकार ने पुन: बीमा व्यवसाय को निजी क्षेत्र में देने का रास्ता खोल दिया। इतना ही नहीं उस पर सेवाकर व आयकर जैसे टैक्स लगाकर इस व्यवसाय के सामाजिक उद्देश्य को ही समाप्त कर दिया है। मंडल महामंत्री आशुतोष सिंह ने कहा कि सरकार ने अभिकर्ताओं व बीमाधारक विरोधी नीतियों में बदलाव नहीं करती तो लाखों अभिकर्ता नौ दिसंबर को संसद भवन के लिए कूच करेंगे।

धरना-प्रदर्शन के बाद अभिकर्ताओं ने मंडल कार्यालय से रोड मार्च निकाला। रवींद्रपुरी कालोनी स्थित सासद कार्यालय पहुंचे। वहा अभिकर्ताओं ने वित्तमंत्री को संबोधित पत्रक सौंपा। रोड मार्च में अभिकर्ता स्लोगन लिखी तख्तिया बैनर लिए थे। प्रदर्शन में धनंजय उपाध्याय, मन्नूराम गुप्ता, आनंद सिंह, विजय बहादुर यादव, रमाशकर सिंह, वीरेंद्र प्रताप सिंह, संजय सिंह, छविनाथ सिंह यादव, रामजी शर्मा, राजेंद्र चौरसिया, अशोक तिवारी, विजय बहादुर सिंह, नारायण त्रिपाठी, रामप्रवेश मिश्र आदि थे।

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