विंध्याचल समेत 11 मंडलों को मिली सौगात, जल्द बनेगी मिलावटी खाद्य पदार्थो की जांच प्रयोगशाला

मंडल स्तर पर खाद्य पदार्थाे के नमूनों की जांच के लिए प्रयोगशाला स्थापित किया जाएगा। प्रमुख सचिव अनीता सिंह द्वारा मंडलायुक्त को अत्याधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना के लिए मंडल में एक एकड़ जमीन चिन्हित कराने का निर्देश दिया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 09 Nov 2020 08:50 AM (IST) Updated:Mon, 09 Nov 2020 08:50 AM (IST)
विंध्याचल समेत 11 मंडलों को मिली सौगात, जल्द बनेगी मिलावटी खाद्य पदार्थो की जांच प्रयोगशाला
अत्याधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना के लिए मंडल में एक एकड़ जमीन चिन्हित कराने का निर्देश दिया है।

मीरजापुर, जेएनएन। मिलावटखोरों पर अब आने वाले समय में जल्द ही कार्रवाई होगी सकेगी। विभाग को कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट का अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा। विंध्याचल समेत प्रदेश भर के 11 मंडलों में मंडल स्तर पर खाद्य पदार्थाे के नमूनों की जांच के लिए प्रयोगशाला स्थापित किया जाएगा। प्रमुख सचिव अनीता सिंह द्वारा मंडलायुक्त को अत्याधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना के लिए मंडल में एक एकड़ जमीन चिन्हित कराने का निर्देश दिया है।

प्रदेश के विंध्याचल मंडल समेत आजमगढ़, अलीगढ़, अयोध्या, कानपुर, गोरखपुर, चित्रकूट धाम बांदा, झांसी, देवीपाटन गोंडा, प्रयागराज, बरेली, बस्ती, मुरादाबाद व सहारनपुर मंडल में प्रयोगशालाओं का निर्माण प्रस्तावित है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) नई दिल्ली द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार इन मंडलों में अत्याधुनिक खाद्य प्रयोगशालाओं की स्थापना के लिए भूमि की आवश्यकता के मददेनजर एक एकड़ भूमि चिङ्क्षहत किया जाएगा। मंडल में प्रयोगशाला बनने के बाद जनता के उपयोग किए जाने वाले खाद्य सुरक्षा मानकों व औषधि तथा सौंदर्य प्रसाधन मानकों से संबंधित कार्यो को और प्रभावी ढंग से कराया जा सकेगा।

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प्रदेश के छह मंडलों में बने प्रयोगशाला में होती है जांच

वर्तमान समय में लखनऊ, वाराणसी, झांसी, गोरखपुर, आगरा, मेरठ सहित महज छह राजकीय जनविश्लेषक प्रयोगशालाओं में खाद्य पदार्थाे व औषधि नमूनों की जांच होती है।

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मंडल स्तर पर प्रयोगशाला बनने से घटेगा भार, जांच में आएगी तेजी

पूरे प्रदेश में मिलावटी खाद्य पदार्थो की जांच महज छह प्रयोगशालाओं में होती है। मंडल स्तर पर प्रयोगशाला बनने से इन प्रयोगशालाओं पर जांच का दबाव कम होगा और जांच में तेजी आएगी। जांच रिपोर्ट जल्दी मिलने से मिलावटखोरों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकेगी।

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मंडल स्तर पर प्रयोगशाला का निर्माण होना है। इसके लिए जमीन का चिहांकन किया जाना है। प्रदेश भर में मंडल स्तर पर प्रयोगशाला बनने से मिलावटी खाद्य पदार्थो की जांच जल्द हो सकेगी, इससे विभागीय कार्यों में काफी राहत मिलेगी। - अशोक शर्मा, सहायक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन।

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