मासांत तक दौड़ने लगेंगी बिजली वाली यात्री ट्रेनें

By Edited By: Publish:Tue, 08 Jan 2013 01:02 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jan 2013 01:03 AM (IST)
मासांत तक दौड़ने लगेंगी बिजली वाली यात्री ट्रेनें

बोले डीआरएम

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-वाराणसी-लखनऊ रेल सेवा

-सीआरएस ने सौंपी रेलवे बोर्ड को वाराणसी में अपनी निरीक्षण रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, वाराणसी : सुल्तानपुर-उतरेटिया (लखनऊ) रेलखंड के विद्युतीकरण का परीक्षण होने के बाद मुगलसराय-वाराणसी-लखनऊ रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजनों से ट्रेनें चलाई जाएंगी। लखनऊ मंडल के डीआरएम जगदीप राय ने सोमवार को फोन पर बताया कि वाराणसी क्षेत्र का परीक्षण कार्य रेलवे संरक्षा आयुक्त आरके कर्दम ने पूरा कर लिया है। इसकी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंप दी गई है। उम्मीद है कि मासांत तक मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें भी चलनी शुरू हो जाएंगी।

गौरतलब है कि 21 जून सन 2007 में मुगलसराय-लखनऊ रेल खंड का विद्युतीकरण शुरू हुआ। यह परियोजना दो वर्ष पहले पूरी होनी थी लेकिन 2500 वोल्ट की बिजली सप्लाई के लिए जगह-जगह सबस्टेशन बनाने में अतिरिक्त समय लगा। कुछ फुटओवर ब्रिज भी समस्या बन गए थे।

इधर, सुल्तानपुर-मुसाफिरखाना-निहालगढ़-उतरेटिया रेलखंड के निरीक्षण के बाद संभवत: गणतंत्र दिवस के अवसर पर पहले बिजली वाले इंजन से मालगाड़ियां चलाई जाएगीं। पटरी पर ट्रेनों का आवागमन पहले से है। इस कारण मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने में कोई खास दिक्कत नहीं आएगी। डीआरएम ने जोर देकर कहा कि जनवरी के अंत तक इलेक्ट्रिक इंजन से सवारी गाड़ियां भी शुरू करा दी जाएगी।

इस रूट की दूरी मुगलसराय से लखनऊ तक 295 किमी है। अब तक मेल व एक्सप्रेस ट्रेनें यह दूरी पांच घंटे में तय करती थीं। बिजली वाली गाड़ियों के चलने से यात्री चार घंटे में लखनऊ पहुंचेंगे। पैसेंजर गाडि़यों की स्पीड भी बढ़ेगी। मुगलसराय-इलाहाबाद-कानपुर के बीच में किसी प्रकार की बाधा आने पर भी इस रूट की ट्रेनें बिना डीजल इंजन लगाए वाराणसी होकर पास कराई जा सकती हैं। इतना ही नहीं हावड़ा से अमृतसर व जम्मूतवी को जाने वाली गाड़ियां पंजाब मेल, हिमगिरि, कोलकाता (सियालदह) एक्सप्रेस, अमृतसर एक्सप्रेस, अकालतख्त एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस, कुंभ एक्सप्रेस मुरादाबाद तक इलेक्ट्रिक इंजन से चलाई जा सकेंगी।

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