Unnao Case : दुष्कर्म पीड़िता का शव घर पहुंचते ही गम-गुस्सा और उबाल, हैदराबाद जैसा इंसाफ देने की मांग

दुष्कर्म पीड़िता के रोते-बिलखते पीड़िता के भाई और पिता ने चीख-चीखकर हैदराबाद जैसा इंसाफ देने की मांग की। कहा यदि इंसाफ नहीं दे सकते तो घर पर बम गिरवाकर सबको मौत दे दो।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 08 Dec 2019 09:18 AM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 09:19 AM (IST)
Unnao Case : दुष्कर्म पीड़िता का शव घर पहुंचते ही गम-गुस्सा और उबाल, हैदराबाद जैसा इंसाफ देने की मांग
Unnao Case : दुष्कर्म पीड़िता का शव घर पहुंचते ही गम-गुस्सा और उबाल, हैदराबाद जैसा इंसाफ देने की मांग

उन्नाव, जेएनएन। गुरुवार को जिंदा जलाई गई दुष्कर्म पीड़िता की शुक्रवार रात मौत हो जाने से गम और गुस्से का उबाल फूट पड़ा है। शनिवार रात करीब 9:08 बजे उसका शव गांव पहुंचा तो रोते-बिलखते पीड़िता के भाई और पिता ने चीख-चीखकर हैदराबाद जैसा इंसाफ देने की मांग की। यह तक कहा कि यदि इंसाफ नहीं दे सकते तो घर पर बम गिरवाकर सबको मौत दे दो। पिता बोले, बिटिया का मुंह तक आखिरी बार नहीं देख पाए। पैसे वालों ने आवाज दबा दी। हम तो सालभर से सताए जा रहे थे, तब किसी ने एक न सुनी। अब सब मरहम लगाने आ रहे हैं। भाई का कहना था कि बहन अग्निपरीक्षा तो पहले ही दे चुकी है, इसलिए उसे जलाएंगे नहीं। दफनाकर समाधि बनाएंगे। रात ज्यादा हो जाने के कारण बिटिया को रविवार सुबह घर से करीब एक किलोमीटर दूर दफनाया जाएगा।

इस बीच, मुख्यमंत्री के निर्देश पर गांव पहुंचे सहकारिता मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी वरुण, उन्नाव सांसद साक्षी महाराज पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। शाम को 25 लाख रुपये का चेक देने पहुंचे मंत्रियों का सपाइयों ने यह कहकर विरोध किया कि 50 लाख रुपये की मदद दी जाए। इसके पहले मंत्रियों को गांव वालों और कांग्रेसियों का विरोध भी झेलना पड़ा था। काले झंडे दिखा रहे कांग्रेसियों व सपाइयों को पुलिस ने लाठी पटककर खदेड़ा।

शादी के झांसे में आकर सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई 25 वर्षीय युवती की शुक्रवार रात 11.40 बजे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। दुष्कर्म का केस वापस लेने से इन्कार पर उसे गांव के ही पूर्व प्रधान समेत पांच लोगों ने जिंदा जला दिया था। सभी आरोपित जेल में हैं। सुबह मौत की खबर मिलते ही देशभर में गुस्से का ज्वार फूट पड़ा। शनिवार दोपहर कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा, प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू, उन्नाव की पूर्व सांसद अन्नू टंडन पीड़िता के घर पहुंचीं और बंद कमरे में माता-पिता से 55 मिनट तक बात की। उन्हें पीड़ित परिवार ने बताया कि सालभर से नौ साल की पोती स्कूल नहीं जा पा रही। उनके साथ मारपीट हुई, फसल जला दी गई, लेकिन किसी ने शिकायत न सुनी। प्रियंका ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग करते हुए पीड़िता की लड़ाई दिल्ली तक लड़ने का एलान किया।

इस बीच, मुख्यमंत्री के निर्देश पर गांव पहुंचे सहकारिता मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, जिले की प्रभारी मंत्री कमल रानी वरुण व मरहम लगाने पहुंचे सांसद साक्षी महाराज को गांव वालों और कांग्रेसियों का जोरदार विरोध झेलना पड़ा। कड़ी सुरक्षा के बीच पीडि़त परिवार को सरकार की ओर से 25 लाख रुपये का चेक दिया। इस बीच, आरोपित पक्ष की महिलाओं ने प्रियंका वाड्रा के काफिले के आगे लेटने का प्रयास किया, लेकिन वे साइड से निकल गईं। ये महिलाएं दुष्कर्म कांड की सीबीआइ जांच की मांग कर रही थीं। भाजपा सरकार में सहयोगी अपना दल की अध्यक्ष व मीरजापुर सांसद अनुप्रिया पटेल और जेल राज्यमंत्री जय कुमार सिंह जैकी भी सांत्वना देने पहुंचे। अनुप्रिया पटेल ने कहा प्रदेश में अपराध बढ़े हैं, लेकिन सरकार प्रभावी नियंत्रण में जुटी हुई है। शाम को ही सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम भी पहुंचे और सरकार को जमकर कोसा।

दादा-दादी की समाधि के पास दफनाएंगे

पीडि़ता के शव को घर से एक किमी दूर खेत में स्थित उसके दादा-दादी की समाधि के पास ही दफनाया जाएगा। परिवार की इच्छा पर प्रशासन ने वहां व्यवस्था शुरू कराई। जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि दफनाने का समय परिवार वाले तय करेंगे, उसी के अनुरूप इसे कराया जाएगा।

परिवार की सुरक्षा प्राथमिकता

जिलाधिकारी ने कहा कि पीड़ित परिवार की सुरक्षा प्राथमिकता है। अब से लेकर आगे तक तक पीडि़त परिवार को सुरक्षा देने के साथ ही हर संभव मदद दी जाएगी। पीड़िता के अंतिम संस्कार के लिए प्रदेश सरकार की ओर से सहायता दी जा रही है। आगे परिवार की मंशा के अनुरूप उन्हें सहयोग किया जाएगा।

जल्द शुरू कराएंगे मुकदमे का ट्रायल

एसपी विक्रांत वीर ने कहा कि मुकदमे से संबंधित साक्ष्य जुटाने के लिए विशेष टीम लगाई गई है। साक्ष्य संकलित होने के बाद जल्द से जल्द चार्जशीट तैयार की जाएगी ताकि मुकदमे का ट्रायल जल्द शुरू हो सके। पीड़ित परिवार की सुरक्षा के प्रबंध किए जाएंगे।

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