पारा 40 के पार पहुंचने से सड़कों पर सन्नाटा

अप्रैल के दूसरे सप्ताह में गर्मी का असर दिखने लगा है। दोपहर होते ही सड़कों पर सन्नाटा रहता है तो वहीं जिला अस्पताल में रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। लू चलने से लोगों को हीट वेव का सामना करना पड़ा रहा है। अधिकतम तापमान 5 डिग्री तो न्यूनतम तापमान 4 डिग्री अधिक है। इस कारण दिन व रात दोनों पहर गर्मी पड़ रही है। गनीमत है कि रात दो बजे के बाद मौसम में हल्की ठंडक होने से राहत है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Apr 2019 12:13 AM (IST) Updated:Sat, 13 Apr 2019 06:07 AM (IST)
पारा 40 के पार पहुंचने से सड़कों पर सन्नाटा
पारा 40 के पार पहुंचने से सड़कों पर सन्नाटा

जागरण संवाददाता, उन्नाव : अप्रैल के दूसरे सप्ताह में गर्मी का असर दिखने लगा है। दोपहर होते ही सड़कों पर सन्नाटा रहता है तो वहीं जिला अस्पताल में रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। तापमान बढ़ने के साथ अब दोपहर में लू ने सताना शुरू कर दिया है। अधिकतम तापमान सामान्य से सात डिग्री तो न्यूनतम तापमान 4 डिग्री अधिक है। इस कारण दिन व रात दोनों पहर गर्मी सताने लगी है।

गुरुवार को सुबह से ही गर्मी पड़ी। दोपहर तक हाल यह हो गया कि छांव के बिना दो मिनट धूप में खुले में चलना लोगों को मुश्किल हो गया। सड़क पर लोग सिर पर कपड़ा बांधने और टोपी लगाने पर मजबूर हुए। वहीं जिला अस्पताल में दो सैकड़ा से अधिक मरीज इलाज के लिए आए। अधिकतर लोग लू और डायरिया से पीड़ित दिखे। अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया तो वहीं न्यूनतम तापमान 24 डिग्री रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पूर्व की हवा चलने से भीषण गर्मी की शुरुआत होने के साथ लू भी चल रही है। अभी आने वाले दिनों में तापमान और बढ़ेगा।

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तीन हीट स्ट्रोक और 11 डायरिया पीड़ित भर्ती

- जिला अस्पताल में गुरुवार को 3 मरीज हीट स्ट्रोक के आए तथा 11 मरीज डायरिया का इलाज कराने के लिए आए। इसमें सात बच्चे शामिल रहे। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अर्पित अग्निहोत्री ने बताया कि मौसम बदल गया है। गर्मी पड़ने से लोग हीट स्ट्रोक व डायरिया से पीड़ित हो रहे हैं।

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जिला अस्पताल में पेयजल का अकाल

- जिला अस्पताल में पानी का अकाल है। दो आरओ प्लांट लगे हैं, लेकिन वह गर्मी में खौलता पानी दे रहे हैं। चार हैंडपंपों में सिर्फ एक हैंडपंप काम कर रहा है। वह बर्न यूनिट के पास लगा है। ऐसे में मरीज के तीमारदारों को दूर तक जाना पड़ता है। जिला अस्पताल के गेट पर एक निजी कंपनी द्वारा पानी आपूर्ति की व्यवस्था की गई है लेकिन वहां पर एक बार में 200 एमएल ही पानी मिलता है।

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नगर की पेयजल व्यवस्था ही बदहाल

- नगर में 24 पंप लगे हैं, लेकिन 60 फीसद मोहल्ले में पानी नहीं पहुंच रहा है। लोग सबमर्सिबल के सहारे हैं। जिनके घर में यह नहीं है वह पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। जल निगम 13.87 एमएलडी पानी की आपूर्ति करा रहा है। जबकि प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी की जरूरत है लेकिन 70 से 75 लीटर पानी लोगों को मिल रहा है। नगर में लोकइयाखेड़ा, कब्बा खेड़ा, जुराखनखेड़ा, नारेंद्र नगर, दारोगा खेड़ा में पानी की सबसे अधिक किल्लत है। नगर पालिका का कहना है कि अमृत योजना शुरू होते ही समस्या का निस्तारण हो सकेगा। अभी जो संसाधन हैं उन्हीं से पानी दिया जा रहा है।

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