एआरटीओ के पकड़े वाहनों की चौकी-थानों में नो-इंट्री

जागरण संवाददाता, उन्नाव : जिले के चौकी-थानों में एआरटीओ अधिकारियों द्वारा पकड़े गए वाहनो

By JagranEdited By: Publish:Sat, 03 Mar 2018 06:32 PM (IST) Updated:Sat, 03 Mar 2018 06:32 PM (IST)
एआरटीओ के पकड़े वाहनों की चौकी-थानों में नो-इंट्री
एआरटीओ के पकड़े वाहनों की चौकी-थानों में नो-इंट्री

जागरण संवाददाता, उन्नाव : जिले के चौकी-थानों में एआरटीओ अधिकारियों द्वारा पकड़े गए वाहनों को नो-इंट्री लगा दी गई है। थानों की पुलिस ने जगह व सुरक्षा की कमी होने की बात कहते हुए इन वाहनों को अपने यहां खड़ा करने से मना किया है। ऐसे में अब इन अधिकारियों के पास हाइवे पर सिर्फ दही चौकी ही बची थी जहां अधिकारी इन वाहनों को खड़ा करवा रहे थे। बीते दिनों की गई कार्रवाई में पकड़े गए करीब आधा सैकड़ा वाहनों के खड़े होने से यहां भी स्थान नहीं बचा है। ऐसे में परिवहन विभाग के अधिकारियों को आगे की कार्रवाई करने में इन्हें खड़ा करने को लेकर ¨चता सता रही है।

मौजूदा वक्त में एआरटीओ के प्रवर्तन विभाग में दो अधिकारी तैनात हैं। प्रदेश के परिवहन मंत्री के आदेशों के बाद दोनों अधिकारी रोजाना ही ओवरलोड और हाईवे किनारे बेतरतीब खड़े वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। इसमें रोजाना दर्जनों वाहनों को पकड़ा व सीज किया जा रहा है। विभाग के पास इन्हें खड़ा करने का अपना कोई स्थान न होने से वाहनों को थानों व चौकियों में खड़ा करना पड़ता है। ऐसे वाहन पुलिस के लिए सिरदर्द भी बने रहते हैं और एआरटीओ अधिकारियों को भी इनकी फिक्र सताती है। अब हाईवे किनारे के थानों में इनके खड़े होने से जगह व इनकी सुरक्षा को लेकर पेंच फंस रहा है। इससे थानों की पुलिस ने इन वाहनों को खड़ा करने से मना कर दिया है। इससे परिवहन अधिकारी इन्हें हाइवे स्थित दही चौकी में वाहनों को खड़ा करवाने लगे। लेकिन बीते दिनों हुई कार्रवाई में करीब आधा सैकड़ा ओवरलोड वाहनों को सीज करने के बाद इन्हें इस चौकी में खड़ा करने से यहां भी जगह भर गई है। इससे विभागीय अधिकारियों को अब वाहनों के खिलाफ सीज किए जाने की कार्रवाई करने में परेशानी आ रही है।

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वाहनों के छूटने का कर रहे इंतजार

थानों में वाहन खड़े नहीं हो पा रहे हैं। बीते दिनों की कार्रवाई में जो वाहन दही चौकी में खड़े करवाए गए थे वह अभी छूटे नहीं हैं। इन वाहनों को जब उनके मालिक छुड़वाएंगे तभी और वाहनों को खड़ा करने की जगह मिलेगी।

- मनोज कुमार वर्मा, एआरटीओ प्रवर्तन प्रथम

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