गर्मी में फिर होगा पेयजल का रोना

जागरण संवाददाता उन्नाव गर्मी का मिजाज धीरे-धीरे बदल रहा है। पारा चढ़ना शुरू हो गया है

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Mar 2019 12:15 AM (IST) Updated:Fri, 15 Mar 2019 12:15 AM (IST)
गर्मी में फिर होगा पेयजल का रोना
गर्मी में फिर होगा पेयजल का रोना

जागरण संवाददाता, उन्नाव : गर्मी का मिजाज धीरे-धीरे बदल रहा है। पारा चढ़ना शुरू हो गया है। वहीं जिले में पेयजल योजनाओं का बुराहाल है। इस बार गर्मी में लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ेगा। जिले में कागज पर जब 1680 हैंडपंप खराब हैं तो फिर हकीकत में यह कितने खराब होंगे यह बड़ा सवाल है। वहीं पाइप्ड पेयजल योजना का हाल यह है कि 45 योजनाएं पूरी तरह से बंद हैं। 1500 हैंडपंप रीबोर होने की राह तक रहे हैं।

मार्च में ही सूरज के तेवर तल्ख होना शुरू हो गए हैं। तापमान बढ़ने के साथ लोगों को गला तर रहने के लिए पानी की जरूरत पड़ने लगी है। अप्रैल, मई व जून में क्या हाल होगा यह कहना बड़ा मुश्किल है। हालात तेजी से बदलेंगे तो वहीं कहीं-कहीं पर विवाद की स्थिति भी खड़ी करेंगे। जिले में हैंडपंपों का बुराहाल कागज पर जिले में 52497 हैंडपंप हैं और इनमें 1680 खराब हैं। फ्लाराइड की समस्या से जूझ रहे पाटन, बीघापुर के गांवों में स्थिति में कोई आने की संभावना नहीं है। यहां पर लोग फ्लोराइड युक्त जल पीने के मजबूर होंगे।

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ग्रामीण पेयजल योजना के पुनर्गठन की जरूरत

- ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की सुविधा के लिए ग्रामीण पेयजल के तहत 68 योजनाएं चल रही है। अब रिपोर्ट बता रही है कि इनके पुनर्गठन की जरूरत आ गई है। इससे साफ है कि यह पेयजल पूरी तरह से ग्रामीणों को पानी की बेहतर सुविधा मुहैय्या नहीं करा पा रही है।

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सोलर पैनल व पंप खराब होने से पेयजल आपूर्ति बंद

- जिले में ददलहा, बनिगांव, चमियानी जोन एक, मुस्तफाबाद, ओसिया, सफीपुर, त्रिपुरारपुर, जोरावरगंज, सिजनी, सोहरामऊ, ब्योली इस्लामाबाद, ओरहर, हसनपुर, कलवारी, औरास, अटिया, बरुआ खुर्द, भौली, विरसिंहपुर, दरियापुर, अजीजपुर, धनकौली, दुबई, गौरा, गजफ्फरनगर, हसनपुर, महमूदपुर, सेरसा, मिर्जापुर, मुस्तफाबाद, पुर्थियावा, रामपुर गढौवा, सामद, संदाना, हसनगंज, मिनिकपुर में सोलर पैनल व पंप खराब होने से पेयजल आपूर्ति बंद है।

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पाइप्ड योजना का भी बुराहाल

- पानी की टंकी से लोगों को पानी पहुंचाने के लिए 73 पाइप्ड योजना जिले में हैं। इसमें 45 बंद पड़ी है और चार लाख से अधिक की आबादी प्रभावित है। ग्राम पंचायत द्वारा संचालित प्यारेपुर व परमनी में भी पाइप्ड योजना बंद हैं। इस कारण पुरवा, मौरावां, बांगरमऊ, आसीवन, पाटन, पड़री, बीघपुर, अचलगंज, सफीपुर में आने वाले दिनों में लोगों के पानी के लिए खासा संघर्ष करना पड़ेगा।

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391.72 लाख खर्च, फिर भी हैंडपंप सूखे

- 14 वें वित्त से हैंडपंपों के ठीक व रीबोर कराना है। फरवरी की जो रिपोर्ट आयी है, इसमें 391 लाख रुपये खर्च होना बताया गया है, जबकि हकीकत यह है कि लोगों को पीने के पानी के लिए मार्च में ही दौड़ लगानी शुरू करनी पड़ रही है।

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