जीआइसी मैदान में रिजर्व में खड़ी की गई बसें

ट्रेनों का अस्थायी ठहराव होने से प्रवासियों की संख्या तय नहीं हो पा रही। ट्रेन रुकने के बाद प्रवासियों की गिनती कर उन्हें ले जाने के लिए संसाधन की व्यवस्था आनन फानन करनी पड़ रही है। इस दुश्वारी को दूर करने का काम प्रशासन के आदेश पर रोडवेज ने किया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 06:16 PM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 06:01 AM (IST)
जीआइसी मैदान में रिजर्व में खड़ी की गई बसें
जीआइसी मैदान में रिजर्व में खड़ी की गई बसें

जागरण संवाददाता, उन्नाव : ट्रेनों का अस्थायी ठहराव होने से प्रवासियों की संख्या तय नहीं हो पा रही। ट्रेन रुकने के बाद प्रवासियों की गिनती कर उन्हें ले जाने के लिए संसाधन की व्यवस्था आनन-फानन करनी पड़ रही है। इस दुश्वारी को दूर करने का काम प्रशासन के आदेश पर रोडवेज ने किया है। सोमवार को रिजर्व में दो बस जीआइसी मैदान में खड़ी कराई गई।

स्पेशल ट्रेनों से वापसी कर रहे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जनपद छोड़ने के लिए कानपुर रीजन के साथ अन्य डिपो की बस दौड़ रही हैं। बीते शुक्रवार से स्थाई ठहराव ट्रेनों की संख्या कुछ कम हुई है। लेकिन अस्थाई ठहराव वाली ट्रेन ने मुश्किलें बढ़ा दी है। कारण इन ट्रेनों से कितने प्रवासी उतर रहे हैं इसकी जानकारी रेलवे व जिला प्रशासन को पहले से नहीं होती है। कुछ ट्रेनें सिग्नल न होने से स्टेशनों पर रुक जा रही हैं जिसमें बैठे प्रवासी अपने नजदीकी स्टेशन के तहत कोच से उतर जा रहे। जिनकी जानकारी रेलवे द्वारा जिला प्रशासन को दी जा रही है। बाद में थर्मल स्क्रीनिग करा के प्राइवेट वाहनों से प्रवासियों को शेल्टर होने जा रहा है। जैसा कि बीते शुक्रवार, शनिवार व रविवार को उन्नाव स्टेशन पर किया गया। ट्रेनें मुंबई, कर्नाटक और गुजरात से आने वाली रही। इस दुश्वारी को दूर करने के लिए प्रशासन ने जीआइसी मैदान में रोडवेज की कुछ बसें रिजर्व में खड़ी कराई हैं और स्क्रीनिग स्टाफ को अलर्ट किया है। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक आरके उपाध्याय ने बताया की अस्थाई ठहराव वाली ट्रेनों को देखते हुए कुछ बसें मैदान में खड़ी कराई गई है। 

chat bot
आपका साथी