आरोपित के अस्पताल में भर्ती होने का दावा, डॉक्टरों ने नकारा
दुष्कर्म पीड़िता की मौत के बाद पूर्व में दर्ज हुए सामूहिक दुष्कर्म के मुकदमे में आरोपित शुभम के अस्पताल में भर्ती होने का एक मामला प्रकाश में आया था। जिसमें एसपी ने एसआइटी टीम से जांच कराने की बात कही है। हालांकि बीघापुर अस्पताल प्रभारी का कहना है कि अभिलेखों में इस नाम का कोई व्यक्ति भर्ती नहीं हुआ।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : दुष्कर्म पीड़िता के आरोपों से बचने के लिए आरोपित पक्ष हरसंभव जतन कर रहे हैं। मुख्य आरोपित शिवम के सहयोगी शुभम त्रिवेदी के घरवालों ने बीते साल रायबरेली में हुई दुष्कर्म की घटना को गलत करार देते हुए दावा किया कि घटना वाले दिन शुभम अस्पताल में भर्ती था। हालांकि, हॉस्पिटल रिकार्ड और डॉक्टर इस दावे को फर्जी बता रहे हैं।
पीड़िता ने इसी साल चार मार्च को बिहार थाने में सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। अगले दिन कोर्ट के आदेश पर रायबरेली के लालगंज थाने में मुकदमा लिखा गया। घटना रायबरेली में होने के कारण बिहार थाने का केस भी लालगंज शिफ्ट कर दिया गया। दोनों में आरोप था कि शादी का झांसा देकर शिवम ने कई बार दुष्कर्म किया। शादी से भी इन्कार कर दिया। पीड़िता लालगंज में ही रिश्तेदार के घर रहने लगी। 12 दिसंबर 2018 को समझौता करने और मंदिर में कसम खाने की बात कहकर शिवम अपने साथी शुभम के साथ उसे ले आया। रास्ते में एक खेत में दोनों ने असलहा दिखाकर दुष्कर्म किया।
वहीं, शुभम की बहन का दावा था कि एक ऑपरेशन कराने के लिए शुभम को 12 दिसंबर-18 को बीघापुर पीएचसी में भर्ती कराया था। दुष्कर्म में नाम आने पर पूर्व प्रधान पिता हरिशंकर त्रिवेदी रायबरेली पुलिस से भी मिले थे। लेकिन, पीएचसी प्रभारी डॉ. पंकज पांडेय का कहना है कि भर्ती रजिस्टर देखने से पता चलता है कि 10 से 31 दिसंबर-18 के बीच शुभम नाम का कोई मरीज भर्ती नहीं हुआ। न शुभम का कोई ऑपरेशन ही हुआ। 12 दिसंबर-18 को ड्यूटीरत डॉ. विनोद कुमार ने भी यही बात दोहराई है। एसपी विक्रांतवीर ने कहा कि सभी तथ्य एसआइटी जांच में शामिल करेंगे। शुभम के भर्ती रहने की जानकारी नहीं है।