फर्जी बोर्ड की मान्यता से छात्रों की मुश्किल बढ़ी

जागरण संवाददाता, उन्नाव : एक संदिग्ध एजुकेशन बोर्ड का खुलासा गुरुवार को डीआइओएस कार्यालय में हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Jul 2017 01:01 AM (IST) Updated:Fri, 21 Jul 2017 01:01 AM (IST)
फर्जी बोर्ड की मान्यता से छात्रों की मुश्किल बढ़ी
फर्जी बोर्ड की मान्यता से छात्रों की मुश्किल बढ़ी

जागरण संवाददाता, उन्नाव : एक संदिग्ध एजुकेशन बोर्ड का खुलासा गुरुवार को डीआइओएस कार्यालय में हुआ है। यहां छात्रों द्वारा जो हाईस्कूल का अंक प्रमाण पत्र दिखाया गया, उसे फर्जी करार दिया गया है। हालांकि, इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा परिषद को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है।

गुरुवार सुबह जीआइसी में कक्षा 11 में एडमिशन लेने पहुंचे छात्रों ने आवेदन फार्म में हाईस्कूल का अंक प्रमाण पत्र लगाया था। जिसे शिक्षकों द्वारा बाहर कर दिया। जो प्रमाण पत्र था उसमें मान्यता भारतीय विद्यालयी शिक्षा संस्थान की थी। छात्र गदनखेड़ा बाईपास ¨सगरौसी में संचालित एक सीनियर सेकेंड्री स्कूल से आए थे। जीआइसी से मना होने के बाद उन्होंने दूसरे स्कूलों में प्रवेश के लिए हाथ पांव मारा लेकिन यहां भी उनकी मेहनत बेकार हुई। हैरान और परेशान छात्रों ने हिम्मत कर डीआइओएस से मुलाकात की। स्कूल प्रबंधन द्वारा जिस मान्यता का दावा किया जा रहा था, उसकी पोल खुलने में देरी नहीं हुई। स्कूल प्रबंधक से पूछताछ हुई तो सवालों के जवाब गलत मिले। इसके अलावा जिस बोर्ड का जिक्र था, उसके सचिव से बात की गई। यहां भी जवाब गोलमोल ही मिले। डीआइओएस राकेश कुमार ने बताया कि सीएल यादव सीनियर सेकेंड्री स्कूल के छात्र थे। मामले की जांच कराते हुए बोर्ड को सूचना दी जाएगी। 10 के करीब छात्र संख्या यहां थी।

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जानकारी के बाद लें दाखिला

पकड़ में आए संदिग्ध एजुकेशन बोर्ड के बाद से माध्यमिक शिक्षा के अधिकारी और राजकीय प्रधानाचार्य खासा सजग हुए हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं के अलावा उनके अभिभावकों से अपील की है कि वह मान्यता का सत्यापन पहले कर लें। एनआइसी की वेबसाइट पर पूरा ब्योरा अपलोड किया गया है।

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