मशीनों के अगले युग के मंथन में जुटे वैज्ञानिक

By Edited By: Publish:Sat, 02 Aug 2014 01:21 AM (IST) Updated:Sat, 02 Aug 2014 01:21 AM (IST)
मशीनों के अगले युग के मंथन में जुटे वैज्ञानिक

उन्नाव जागरण संवाददाता: दैनिक जीवन और जीवन के संचालन में शामिल हो चुकी मशीनों का अगला युग कैसा होगा। इसकी परिकल्पना को लेकर सौ से ज्यादा वैज्ञानिक और शोधार्थी मंथन करने के लिए साहित्य और क्रांति की धरती उन्नाव जुटे हैं। इसमें रोबोट से लेकर जीवन संरक्षित करने वाले यंत्रों के अगले युग के साथ पर्यावरण के संतुलन और औद्योगिक विकास पर चर्चा हो रही है। यह हो रहा है वीरेंद्र स्वरूप ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन में आयोजित अंतराष्ट्रीय विज्ञान सेमिनार आईईईई-आससीएईटीआर में। इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक क्षेत्र की इस जानी मानी सेमिनार में 187 पेपर प्रस्तुत किए जाएंगे। शुक्रवार को पहले दिन करीब 90 पेपर प्रस्तुत किए गए। इसमें अगले युग रोबोट, जनरल मैसेजिंग डिवाइस और जीवन रक्षित यंत्रों के शोध प्रस्तुत किए गए।

सेमिनार का उद्घाटन मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान के प्रोफेसर डॉ मनीष तिवारी ने किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ प्रोफेसर एमएस खान ने कहा कि अंतराष्ट्रीय स्तर की इस सेमिनार का विश्वस्तरीय महत्व है और इसमें प्रस्तुत पेपर की अंतर्राष्ट्रीय स्तर महत्व है। इसमें बदलते परिवेश आने वाले समय की मशीनें और डिवाइस के साथ पर्यावरण और औद्योगिक विकास से संबंधित 187 पेपर प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसमें आईआईटी खरगपुर अहमदाबाद कानपुर, आईटी बीएचयू, ट्पिल आईटी अहमदाबाद के साथ देश के अंतराष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थानों के साथ जापान चीन बांग्लादेश सहित कई देशों को शोधार्थी और प्रोफेसर अपने पेपर प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने कहा कि सेमिनार के लिए 455 से ज्यादा पेपर आए थे. इसमें 59 औद्योगिक क्षेत्र, 369 एकेडिमक बाकी दूसरे क्षेत्रों से आए थे। अंतराष्ट्रीय मानकों पर परखने के बाद 187 पेपर का सेलेक्शन किया गया है। उन्होंने बताया कि इसमे करीब 50 से ज्यादा पेपर पहले दिन प्रस्तुत किए गए। इसमें अगले युग के रोबोट, जीवन संचालित डिवाइस और पर्यावरण से संबंधित थे। पहले दिन सेमीनार को एचबीटीआई के इलेक्ट्रिकल विभाग के प्रोफेसर डॉ जितेंद्र ने चेयर किया। इसमें देश के कई तकनीक संस्थानों से सहित क्षेत्र तकनीक संस्थानों के छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया।

पहली बार किसी निजी संस्थान को मौका

संस्थान के निदेशक डॉ एमए नकवी ने बताया कि यह पहला मौका है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर अपने क्षेत्र की मानी जानी सेमिनार उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के किसी निजी संस्थान में हो रही है। यह आईआईटी जैसे संस्थान में आयोजित होती थी। यह हमारे लिए गर्व की बात है।

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