10 दिन में 1,100 क्विंटल गेहूं की हुई खरीद

जागरण संवाददाता उन्नाव जिले में गेहूं खरीद के सारे इंतजाम किए गए हैं। 73 क्रय केंद्र बनाए

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 12:07 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 12:07 AM (IST)
10 दिन में 1,100 क्विंटल गेहूं की हुई खरीद
10 दिन में 1,100 क्विंटल गेहूं की हुई खरीद

जागरण संवाददाता, उन्नाव : जिले में गेहूं खरीद के सारे इंतजाम किए गए हैं। 73 क्रय केंद्र बनाए गए हैं और अभी तक फतेहपुर चौरासी, बांगरमऊ, गंजमुरादाबाद में ही किसानों ने 1,100 क्विंटल गेहूं की बिक्री की है। अन्य केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है। कारण किसान अभी गेहूं की कटाई और मड़ाई करने में व्यस्त हैं। बारदाना की कमी को पूरा करने के लिए बड़े केंद्रों पर दो हजार और छोटे क्रय केंद्रों पर एक हजार बोरे पहुंचा दिए गए हैं। सबसे अधिक गेहूं की खरीद बांगरमऊ में हुई है।

जिले में गेहूं खरीद की रफ्तार बहुत धीमी है। किसान अभी गेहूं की कटाई और मड़ाई कर रहे हैं। वहीं जिले के सभी केंद्रों पर अभी ई पोस मशीन नहीं पहुंची है। परियर में अभी क्रय केंद्र पर कांटा दुरुस्त नहीं हो सका है। 10 दिनों में भीतर 1,100 क्विंटल गेहूं की खरीद हुई है। भगवंतनगर में जरूर 200 किसान तौल के लिए संपर्क कर चुके हैं। बांगरमऊ में कृषि उत्पादन मंडी समिति में स्थापित साधन सहकारी समिति पिड़ना के क्रय केंद्र पर 16 किसानों का 970 क्विंटल तथा पीसीएस शाखा पर 17 किसानों का 792 क्विंटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है। वहीं विपणन शाखा केंद्र में एक भी दाना नहीं खरीदा जा सका है।

ई पोस न होने के बाद भी नहीं लौटेंगे किसान : जिले में इस बार ई पोस से पर्ची निकालकर किसानों का गेहूं खरीदा जाएगा। हालांकि व्यवस्था यह भी की गई है कि जब तक ई पोस मशीन नहीं आ जाती तब तक पुरानी व्यवस्था से किसानों का गेहूं खरीद लिया जाएगा। किसी किसान को लौटाया नहीं जाएगा। जिला विपणन अधिकारी यूपी सिंह ने बताया कि हर केंद्र पर ई पोस मशीन पहुंचाई जाएगी। शासन स्तर से मशीन भेजी जा रही हैं। वहीं अभी कटाई होने से किसान गेहूं लेकर क्रय केंद्र नहीं आ रहे हैं। सारी व्यवस्था की गई है। बोरों की भी कोई कमी नहीं है।

महिला किसानों को पहले टोकन

महिला किसानों की सुविधा के लिए उन्हें पहले टोकन देने का प्रबंध किया गया है। इसके साथ ही मोबाइल पर किसानों को क्रय केंद्रों की जानकारी दी जा रही है। वहीं ऑनलाइन पंजीकरण के दौरान किसान अपना टोकन नंबर भी ले सकते हैं। अब तक जिले में 1,600 किसानों ने पंजीकरण कराया है।

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