शिक्षित बेरोजगारों से लाखों रुपये की धोखाधड़ी

सुल्तानपुर : शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर ठगों के एक गिरोह ने फर्जी संस्था बनाई। युवाओं

By Edited By: Publish:Mon, 20 Oct 2014 09:08 PM (IST) Updated:Mon, 20 Oct 2014 09:08 PM (IST)
शिक्षित बेरोजगारों से लाखों रुपये की धोखाधड़ी

सुल्तानपुर : शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर ठगों के एक गिरोह ने फर्जी संस्था बनाई। युवाओं से लाखों रुपये की वसूली की, जब नियुक्ति की बारी आई तो कार्यालय बंदकर फरार हो गए। धोखाधड़ी के शिकार लोग अब न्याय पाने व जालसाजों को सजा दिलाने के लिए भटक रहे हैं।

शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपये ठगने का यह कारोबार वर्ष 2012 में कई महीनों तक चला। तब जिले के कादीपुर कस्बे में शाखा खोलकर मां वैष्णो ग्रामीण उद्योग विकास केंद्र नाम की एक संस्था ने 500 युवाओं को नौकरी देने का प्रचार-प्रसार किया था। संस्था ने केंद्र सरकार की शिक्षा परियोजना बताकर जूनियर हाईस्कूल से स्नातक के बेरोजगारों को अनुचर से लेकर जिला समन्वयक तक नौकरी देने का वादा किया। आवेदन पत्र में सुल्तानपुर सहित अंबेडकरनगर, फैजाबाद, जौनपुर, प्रतापगढ़, आजमगढ़ व अमेठी के सभी ब्लॉकों में शाखा खोलने व कर्मचारियों की नियुक्ति का विवरण मोटी तनख्वाह के साथ दिया गया था। बड़ी संख्या में बेरोजगारों ने आवेदन किया तो लिखित परीक्षा और साक्षात्कार कराया गया। इसके लिए संस्था ने बकायदा प्रवेशपत्र जारी किया और प्रत्येक अभ्यर्थी से 1300 रुपये वसूले। करीब छह महीने तक चली प्रक्रिया के बाद संस्था के पदाधिकारियों ने मोबाइल फोन के जरिए बेरोजगारों से संपर्क स्थापित किया। उनकी नियुक्ति हो जाने की जानकारी दी। तैनाती के लिए नजदीकी ब्लॉक का विवरण और पता मांगा। फिर जमानत के लिए पदवार पचास हजार रुपये से डेढ़ लाख रुपये तक मांगा गया। कुछ ने असमर्थता जताई, लेकिन विभिन्न जिलों के करीब 400 युवकों ने नौकरी की लालच में पैसे जमा कर दिए। हालांकि उन्हें दस हजार रुपये की ही रसीद दी गई, जिसमें सदस्यता शुल्क जमा करने की बात लिखी गई है। इसके बाद संस्था की ओर से नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया। ये नियुक्ति पत्र सचिव मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी नई दिल्ली के नाम से जारी किया गया। तैनाती व वेतन संबंधी इबारतों सहित नियुक्ति पत्र के लेटर हेड पर अंग्रेजी में ई-मेल, बेवसाइट व संस्था का दिल्ली का पता लिखा है। नियुक्ति पत्र के साथ मानदेय विवरण, अनुभव व कार्य करने का प्रमाणपत्र, तबादले के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र व संस्था के किसी सदस्य से संबंध न होने का प्रमाणपत्र भी बेरोजगारों को दिए गए। नियुक्ति पत्र पाने के बाद भी कई महीने तक तैनाती नहीं मिली तो युवाओं ने खोजबीन शुरू की। लोग कादीपुर पहुंचे तो दफ्तर बंद मिला। फोन किया गया तो कार्यालय कर्मियों के मोबाइल स्विच ऑफ थे। जिस बिल्डिंग में शाखा खोलकर कई महीनों तक यह कारोबार चला वहां वाले भी कुछ भी बताने को तैयार नहीं। जालसाजों की शिकार दूबेपुर ब्लॉक की लौहर दक्षिणी निवासी शीला साहू ने कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को शिकायतीपत्र सौंपा। लेकिन जांच तक नहीं हुई। अब उन्होंने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थनापत्र देकर फर्जी संस्था के कर्मचारियों हरिनारायण पांडेय, शशिभूषण सिंह, विजय कुमार व रामभारत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।

सैकड़ों बेरोजगारों से नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी किए जाने के मामले में अपर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित का कहना है कि मामला गंभीर है, लेकिन पूरा प्रकरण उनकी जानकारी में नहीं है। मामले की शिकायत किसी भी पीड़ित ने की तो जांचकर कार्रवाई की जाएगी।

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