जहां धरा है खाली, वहां फिर छाएगी हरियाली

सुलतानपुर वायु प्रदूषण को दूर करने में पेड़-पौधों का बहुत योगदान होता है। वे न सिर्फ कार्बन डाइआक्

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 May 2017 09:59 PM (IST) Updated:Mon, 22 May 2017 09:59 PM (IST)
जहां धरा है खाली, वहां फिर छाएगी हरियाली
जहां धरा है खाली, वहां फिर छाएगी हरियाली

सुलतानपुर

वायु प्रदूषण को दूर करने में पेड़-पौधों का बहुत योगदान होता है। वे न सिर्फ कार्बन डाइआक्साइड जैसी हानिकारक गैस को ग्रहण करते हैं, बल्कि लोगों को आक्सीजन प्रदान कर ¨जदगी जीने में सहायता करते हैं। पौधों की इतनी महत्ता को जानते हुए भी लोग वनों का क्षरण करते जा रहे हैं। ऐसे में भविष्य संकट में पड़ सकता है। इसकी ¨चता लोग भले न करें, पर सरकार जरूर कर रही है।

इसी कड़ी में धरातल के खाली स्थानों का चयन कर वहां फिर से हरियाली लगाने की कवायद की गई है। इस बार जिले में 569 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 10.21 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य तय किया गया है। शहरीकरण और अनियोजित विकास के चलते वनों का रकबा दिनोंदिन सिकुड़ता जा रहा है। हकीकत से लोग अनजान बने हैं। जबकि हर कोई जानता है कि सुरक्षित भविष्य के लिए प्रदूषण रहित वातावरण चाहिए। सरकारें इसके लिए फिक्रमंद है। हर वर्ष योजनाएं बनाई जाती है। लेकिन नौकरशाही और लालफीताशाही के चलते उसका क्रियांवयन नहीं हो पाता। गत वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो समाजवादी सरकार ने एक दिवसीय पौधरोपण मुहिम छेड़कर जिले और प्रदेश में नया रिकार्ड स्थापित कर दिया था। सुलतानपुर में ही तकरीबन 7 लाख से अधिक पौधे रोप गए थे। लेकिन देखरेख के अभाव में कुछ दिनों बाद आधे से ज्यादा रकबे में हरियाली नष्ट सी हो गई। अब सरकार के साथ प्राथमिकताएं भी बदली है। इस बार का लक्ष्य बढ़ गया है। प्रशासन को विभागवार 10.21 लाख पौधे लगवाने का जिम्मा दिया गया है। इसके लिए कागजी रूपरेखा बनाई जा रही है।

इनसेट..: हर पल बढ़ रहा प्रदूषण, कैसे चलेगा जीवन

यूं तो जिले में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कोई निर्धारित महकमा कार्य नही करता। न ही यहां कोई विभागीय अधिकारी बैठता है। यहां के प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश भी क्षेत्रीय कार्यालय रायबरेली से जारी होते हैं। स्थानीय स्तर पर प्रदूषण की निगरानी न होने से इस पर प्रभावी नियंत्रण नहीं लग पाता। नगर पालिका और प्रशासन प्रदूषण की रोकथाम के लिए अभियान चलाता है, लेकिन कार्रवाई की सिर्फ खानापूरी जाती है। शहर में कचरा निस्तारण का सुनियोजित प्लान न होने से हर पल प्रदूषण बढ़ता है। ऐसे में जन-जीवन पर संकट आ रहा है। हैरत की बात है पालिका प्रशासन कूड़े के जलाने वालों पर कार्रवाई की बात करता है। पर शहर के सिविल लाइन, पंजाबी कॉलोनी समेत कई मोहल्लों में अक्सर महकमे के ही कर्मी कचरा जलाते देखे जाते हैं। लेकिन उन पर जिम्मेदार मौन रहते हैं।

chat bot
आपका साथी