कागज में खुशहाली, मौके पर लाचारी

सुलतानपुर : शासन की तमाम योजनाओं के बाद भी किसानों को राहत नहीं मिल पा रही है। मौजूदा सत्र में यांत्

By Edited By: Publish:Tue, 30 Aug 2016 12:08 AM (IST) Updated:Tue, 30 Aug 2016 12:08 AM (IST)
कागज में खुशहाली, मौके पर लाचारी

सुलतानपुर : शासन की तमाम योजनाओं के बाद भी किसानों को राहत नहीं मिल पा रही है। मौजूदा सत्र में यांत्रिक व विद्युत खराबी से ठप पड़े राजकीय नलकूपों के लिए प्रदेश सरकार ने 13 लाख का बजट अवमुक्त किया। नलकूप विभाग ने कुशल मैकेनिकल इंजीनियरों की तैनाती दी। बावजूद खेतों तक पानी नहीं पहुंच सका।

मानसून के भी साथ छोड़ देने से सैकड़ों एकड़ धान की फसल प्रभावित होने लगी है।सरकार की तरफ से किसानों की ¨सचाई व्यवस्था को सर्वाधिक तरजीह दी जाती है। नहर विभाग के बाद नलकूप को सक्रिय रखने के लिए बजट सत्र के शुरुआत में ही प्रबंध किया जाता है। सत्र 2016 में जिले की नलकूप इकाई को 13 लाख का बजट अवमुक्त किया गया। इससे विद्युत व यांत्रिक खराबी से ठप पड़े नलकूपों को दुरुस्त करने के लिए दिशा निर्देश दिए गए। एक्सईएन अशोक कुमार ने जूनियर इंजीनियरों को लक्ष्य दिए। सभी ब्लॉक में लगे नलकूपों की जांच कराई गई। मरम्मत के लिए लाखों रूपये पानी की तरह बहा दिए गए। सूत्रों के मुताबिक 50 से अधिक नलकूप ठप पड़े हैं। इंजीनियर इसे विद्युत विभाग की लापरवाही बताते हुए प्रकरण से पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं। हालांकि खेतिहरों के धानके खेतों तक अभी तक पानी नहीं पहुंच सका है। मानसून के भी साथ छा़ेड़ देने से धान की फसल प्रभावित होने लगी है।

एक्सईएन बोले, किसान बरतें सावधानी

अधिशाषी अभियंता अशोक कुमार के मुताबिक खराब नलकूपों को बनवाने के लिए जूनियर इंजीनियर व मैकेनिकों को लगाया गया है। उन्होंने सरकारी आंकड़े में 20 नलकूप खराब होने की बात कही। कहा कि किसान नलकूपों के संचालन में सावधानी बरतें। लो वोल्टेज के समय नलकूप न चलाएं। बचाव के जरिए नलकूपों को खराब होने से रोका जा सकता है।

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