तो धरती की किस्मत में गंगाजल न होता

सुलतानपुर : भागीरथी की तपस्या अपनी जिद पर अड़ी न होती, तो धरती की किस्मत में गंगाजल न होता। जब कविवर

By Edited By: Publish:Tue, 03 May 2016 09:56 PM (IST) Updated:Tue, 03 May 2016 09:56 PM (IST)
तो धरती की किस्मत में गंगाजल न होता

सुलतानपुर : भागीरथी की तपस्या अपनी जिद पर अड़ी न होती, तो धरती की किस्मत में गंगाजल न होता। जब कविवर ने सुनाया तो लोग वाह-वाह कर उठे। मौका था अलीगंज के जनता इंटर कालेज बेला पश्चिम में आयोजित कवि सम्मेलन का। जहां रात भर चले कवि सम्मेलन में कवियों ने अपने गीतों से समा बांध दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भूपेंद्र ¨सह ने की।

सरस्वती वंदना के उपरांत शुरू हुए कार्यक्रम में जब डॉ.टीए खान सुलतानपुरी ने सुनाया बुजुर्गों के अगर लगाए पीपल न होते, हमारा वातावरण शीतल न होता और भागीरथी की तपस्या अपनी जिद पर अड़ी न होती, तो धरती की किस्मत में गंगाजल न होता, जब तक आंखों से न निकलें तड़प के आंसू, फकत गंगा स्नान से निर्मल न होती सुनाकर खूब तालियां बटोरी। जनार्दन द्विवेदी, रामनरेश यादव, सीएमओ अमेठी अनंत प्रकाश ओझा, लक्ष्यदीप शर्मा कानपुरी, इमरान, डॉ.भवानी प्रसाद, शंभूनाथ पंकज आदि ने कविता पाठ कर लोगों की खूब दाद बटोरी। इस मौके पर सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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