स्टेट बैंक ने सीडीओ को वापस किए 18 चेक

सीतापुर : भारतीय स्टेट बैंक ने मुख्य विकास अधिकारी को 9 लाभार्थियों की 18 चेकें वापस कर दी हैं। इन च

By Edited By: Publish:Sun, 01 May 2016 01:18 AM (IST) Updated:Sun, 01 May 2016 01:18 AM (IST)
स्टेट बैंक ने सीडीओ को वापस किए 18 चेक

सीतापुर : भारतीय स्टेट बैंक ने मुख्य विकास अधिकारी को 9 लाभार्थियों की 18 चेकें वापस कर दी हैं। इन चेकों में संबंधित लाभार्थियों के नाम या उनके खाता संख्या में त्रुटियां बताई जा रही हैं। मामला लोहिया आवासों के लाभार्थियों से जुड़ा है। मुख्य विकास अधिकारी ने जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) के परियोजना निदेशक को प्रकरण स्वयं परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।

मामला बेहद गंभीर माना जा रहा है। चूंकि इससे पहले भी लोहिया एवं इंदिरा आवासों के लाभार्थियों के ठगे जाने की शिकायतें आम रही हैं। लाभार्थियों ने पूर्व मेी कई बार उच्चाधिकारियों को शिकायतें दर्ज कराई हैं कि आवास के नाम पर उनसे धन उगाही होती है। भारतीय स्टेट बैंक में लाभार्थियों की त्रुटिपूर्ण चेकें भेजकर आवास निर्माण की धनराशि अधिक समय तक उनके खाते में नहीं भेजना शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को बल प्रदान करता है। इससे जाहिर है कि लोहिया/इंदिरा आवासों के लाभार्थियों की धन उगाही से संबंधित शिकायतें कहीं न कहीं पर गलत नहीं हैं। इस मामले में डीआरडीए के कर्मी भी शामिल हैं। वजह साफ है कि भारतीय स्टेट बैंक में लोहिया आवास के लाभार्थियों की 18 त्रुटिपूर्ण चेकें डीआरडीए कर्मियों ने भेजी हैं। हालांकि डीआरडीए में यह कोई नया खेल नहीं है, इसके सबूत बैंक के मुख्य प्रबंधक यह कहकर दे रहे हैं कि वह इसी तरह लगभग हर माह दर्जनों त्रुटिपूर्ण चेकें डीआरडीए व अन्य विभागों को वापस करते हैं। वहीं डीआरडीए सूत्रों का कहना है कि इंदिरा आवास की अपेक्षा लोहिया आवास के लिए लाभार्थियों को अधिक पैसा मिलता है, इसलिए लोहिया आवास के लिए चयनित लाभार्थियों से धन उगाही में सीधे विभागीय कर्मी शामिल हैं। यदि लाभार्थी समय रहते सुविधा शुल्क की अदायगी नहीं कर पाता है तो उसके आवास निर्माण की धनराशि पात्र के खाते में भेजने में कई बाधाएं उत्पन्न करते हैं।

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इन लाभार्थियों की वापस हुई चेकें

भारतीय स्टेट बैंक ने जिन लाभार्थियों की चेकें वापस की हैं। उनमें अनीता पत्नी रमेश, शांति पत्नी विश्राम, राम कुमार पुत्र मनेजर, सुशीला पत्नी सुशील, मखाना पत्नी मिहिलाल, गुड़िया पत्नी राम जी, राम खेलावन पुत्र कीढ़ी, माया पत्नी मुन्नीलाल, मनोज कुमार पुत्र बद्र शामिल हैं। इन प्रत्येक के नाम की दो-दो चेकें उनके खातों में धनराशि ट्रांसफर के लिए डीआरडीए ने भेजी थीं। प्रत्येक चेक 1,37,500 रुपये की है। इस तरह सभी 18 चेकें 24.75 लाख रुपये से संबंधित हैं।

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सीडीओ ने पीडी को लिखा पत्र

सीडीओ शिवेंद्र कुमार ¨सह इस प्रकरण में 22 अप्रैल को डीआरडीए के पीडी कृष्ण कुमार ¨सह को पत्र (342) लिखकर कहा है कि मामला अत्यंत गंभीर है, इसलिए प्रकरण का निस्तारण खुद पीडी करेंगे। उन्होंने पीडी से कहा है कि इस प्रकार के कृत्य से जहां एक ओर लाभार्थी के खाते में पैसा समय से नहीं पहुंच पा रहा है, वहीं बैंकर्स के समक्ष जिला प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है। इसलिए जरूरी होगा कि लाभार्थियों की चकों में भविष्य में त्रुटियां न हो, इसके लिए उत्तरदायित्व निर्धारित कर कड़ी कार्रवाई की जाए।

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टेक्निकल फाल्ट होने के कारण मैंने विभाग को संबंधित लाभार्थियों के नाम की चेकें वापस कर दी हैं। इनमें कहीं लाभार्थियों का खाता संख्या गलत है या लाभार्थी का नाम गलत है। ऐसी त्रुटियां हैं। हालांकि यह कोई नई बात नहीं हैं, इसी तरह मैं इन विभागों को हर माह सौ सवा-सौ लाभार्थियों के चेकें वापस करते हैं। मार्च माह में तो हजारों की संख्या में त्रुटिपूर्ण चेकें वापस की जाती हैं।

- अभय श्रीवास्तव, मुख्य प्रबंधक, एसबीआइ

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