ग्रामीण बैंकों में लटके रहे ताले

सुलतानपुर : विभिन्न मांगों के समर्थन में मंगलवार को जिले भर की ग्रामीण बैंकों में दिनभर ताला लटका रह

By Edited By: Publish:Tue, 30 Jun 2015 10:08 PM (IST) Updated:Tue, 30 Jun 2015 10:08 PM (IST)
ग्रामीण बैंकों में लटके रहे ताले

सुलतानपुर : विभिन्न मांगों के समर्थन में मंगलवार को जिले भर की ग्रामीण बैंकों में दिनभर ताला लटका रहा। इससे करोड़ों रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ। अधिकारियों-कर्मचारियों ने सभा कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।

यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियन के आह्वान पर मंगलवार को बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय सहित सभी शाखाओं पर ताले लटके रहे। अमहट स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष जुटे हड़ताली कर्मचारियों ने सभा आयोजित कर धरना-प्रदर्शन किया। कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ग्रामीण बैंकों का मालिकाना हक पूंजीपतियों को सौंपना चाहती है। स्टाफ की बेहद कमी से जूझ रहे ग्रामीण बैंकों में मित्रा कमेटी लागू कर दिए जाने के कारण दिक्कतें और बढ़ेंगी। जिससे ग्राहक सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी। नेताओं ने कहाकि राष्ट्रीयकृत बैंकों में मृतक आश्रित भर्ती योजना एक साल से लागू है पर, इसे ग्रामीण बैंकों में लागू नहीं किया जा रहा है। बैं¨कग उद्योग में पिछले माह लागू किया गया 10वां वेतन समझौता पूरी तरह से ग्रामीण बैंकों में लागू किया जाए। प्रायोजक बैंकों में लागू पेंशन योजना बिना किसी कर्मचारी अंशदान के ग्रामीण बैंकों में लागू किया जाए। 10 हजार से अधिक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में समायोजित किया जाए। ग्रामीण बैंकों में तालाबंदी से अमेठी व सुलतानपुर के 134 शाखाओं में पूरी तरह से कामकाज ठप रहा। करोड़ों रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ। प्रदर्शन में कर्मचारी नेता अरुण ¨सह, सुरेंद्र पांडेय, शिवकरन द्विवेदी, घनश्याम पांडेय, आनंद दूबे, संजीव ¨सह, श्रीदत्त राजेश पांडेय, एपी श्रीवास्तव, जाहिद, सईद, विजय निगम, सुरेश ¨सह, श्रीकांत मिश्रा आदि मौजूद रहे।

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