पुल की लागत में 40.89 करोड़ रुपये की वृद्धि

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के सात महीने बाद भी धन का आवंटन नहीं हो पाने के कारण एमपी सीमा के पास कुडारी में सोन नदी पर बन रहे पुल के निर्माण में बाधा उत्पन्न हो सकती है। निर्माण के लिए धन के अभाव में काम रुकने की स्थिति है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 10:03 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 10:03 PM (IST)
पुल की लागत में 40.89 करोड़ रुपये की वृद्धि
पुल की लागत में 40.89 करोड़ रुपये की वृद्धि

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र ) : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के सात महीने बाद भी धन का आवंटन नहीं हो पाने के कारण एमपी सीमा के पास कुडारी में सोन नदी पर बन रहे पुल के निर्माण में बाधा उत्पन्न हो सकती है। निर्माण के लिए धन के अभाव में काम रुकने की स्थिति है। कुल 21 बाक्स गर्डर में अभी तक पांच बाक्स गार्डर का निर्माण हुआ है। फिलहाल छठवें बाक्स गार्डर का निर्माण जारी है। आगामी मानसून सत्र से पहले सेतु निगम द्वारा कुल 12 बाक्स गर्डर बनाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन धनाभाव के कारण लक्ष्य पूरा होना संभव नहीं दिख रहा है। दरअसल मार्च 2022 तक पुल का निर्माण पूरा करना है। धनाभाव के कारण पहले ही पुल निर्माण में काफी देरी हो चुकी है। वर्ष 2013-14 में स्वीकृत पुल का निर्माण कार्य जनवरी 2016 में शुरू हुआ था, तब पुल की लागत 3322.51 लाख थी। अब तक पुल निर्माण में दो वर्ष से ज्यादा की देरी हो चुकी है। पांच वर्ष से ज्यादा समय में अभी तक पुल का निर्माण 50 फीसद भी नहीं हो पाया है। अभी तक शासन द्वारा इस पुल के निर्माण के लिए 33 करोड़ रूपये के करीब आवंटित किए गए हैं, जबकि सेतु निगम द्वारा विभागीय संसाधनों से पुल निर्माण में 40 करोड़ खर्च से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं। पुल की लागत के पुनरीक्षण के लिए सेतु निगम द्वारा बीते जुलाई 2020 में 4089.12 लाख लागत वृद्धि का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसके बाद लागत वृद्धि के प्रस्ताव को प्रदेश सरकार ने बीते 16 अगस्त 2020 को स्वीकृति दे दी थी। मुख्यमंत्री ने स्वयं ट्वीट कर इसकी जानकारी सार्वजनिक की थी। पुल की लागत में 40.89 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई थी, जिसके बाद पुल की पुनरीक्षित लागत 76.89 करोड़ हो गई थी। इस घोषणा के सात महीने बाद बीते जनवरी माह में केवल एक करोड़ धन अवमुक्त किया गया। अब धनाभाव में पुल निर्माण में शिथिलता पैदा होने की संभावना है। बाणसागर के पानी से भी पैदा हुई समस्या

मध्य प्रदेश के शहडोल स्थित बाणसागर जलाशय से सोन नदी में आ रहे पानी की वजह से पुल निर्माण में व्यवधान उत्पन्न हुआ है। पुल निर्माण के लिए नदी में बना अस्थायी रोड बार बार बह जा रहा है। चालू फरवरी माह में ही दो फरवरी से 25 फरवरी के बीच बाणसागर जलाशय से कुल 105665 क्यूसेक पानी की निकासी की जा चुकी है। दो फरवरी से प्रतिदिन बिहार और मध्यप्रदेश सरकार के बीच हुए समझौते के तहत रबी फसलों की सिचाई के लिए बाणसागर से पानी की निकासी की जा रही है। बीते जनवरी माह में भी सात जनवरी से 13 जनवरी तथा 16 जनवरी से 19 जनवरी के बीच 39660 क्यूसेक पानी की निकासी की गई थी। वर्जन--

आगामी मानसून सत्र के पहले 11 से 12 बाक्स गर्डर बनाने की योजना है। फिलहाल छठवे बाक्स गर्डर का निर्माण जारी है लेकिन धनाभाव के कारण जल्द ही निर्माण कार्य प्रभावित हो सकता है। एक बाक्स गार्डर में ही 70 टन के करीब सरिया ही लग जाती है। पिछले जनवरी में केवल एक करोड़ की धनराशि मिली है जो अपर्याप्त है।

-इ. आरएस उपाध्याय,परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम (विध्याचल मंडल)

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