ओबरा पावर हाउस के वैकल्पिक मार्ग को लेकर तनाव

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : बीते एक जुलाई से ओबरा तापीय परियोजना के विस्तारीकरण के

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Jul 2018 10:53 PM (IST) Updated:Wed, 04 Jul 2018 10:53 PM (IST)
ओबरा पावर हाउस के वैकल्पिक मार्ग को लेकर तनाव
ओबरा पावर हाउस के वैकल्पिक मार्ग को लेकर तनाव

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : बीते एक जुलाई से ओबरा तापीय परियोजना के विस्तारीकरण के तहत 10,400 करोड़ की लागत में बनने वाले 1320 मेगावाट क्षमता की ओबरा-सी परियोजना के निर्माण के लिए ओबरा-अ और ब तापघर जाने वाले मुख्य परियोजना मार्ग को ओबरा थाने के पास बंद करने का नकारात्मक असर पड़ने लगा है। वैकल्पिक मार्ग पर कीचड़ फैल जाने के कारण परियोजनाकर्मियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बुधवार को सीआइएसएफ कालोनी से स्कूली बच्चों के ले जा रही बस ओबरा-सी से गुजरने वाले मार्ग पर फंस गयी। पूरी तरह कीचड़मय हुए मार्ग में बस फिसल कर सड़क के दूसरे हिस्से में चली गई। इस दौरान बस में बैठे बच्चों में भय पैदा हो गया। बाद में दूसरी बस मंगाकर बच्चों को किसी तरह स्कूल भेजा गया। इससे पहले पिछले तीन दिनों के दौरान दर्जनों दो पहिया वाहन इस मार्ग पर फिसल चुके हैं। मानसून की शुरुआत में ही इस वैकल्पिक मार्ग में हो रही दिक्कतें आने वाले दिनों में गुणोत्तर रूप से बढ़ सकती है। भारी बारिश के दौरान किसी भी वाहन का इस मार्ग पर चलना दुर्घटना को दावत देने जैसा है। सड़क बंदी का शुरू हो गया विरोध

ओबरा-सी के लिए परियोजना मार्ग को बंद करने का भारी विरोध शुरू हो गया है। रोजाना हजारों कर्मचारियों को ओबरा पावर हाउस में जाने में हो रही दिक्कत के कारण आक्रोश बढ़ते जा रहा है। खासकर बिना उचित वैकल्पिक व्यवस्था के मार्ग को बंद करने के कारण ओबरा-सी प्रशासन पर सवाल खड़े होने लगे हैं। विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने सीजीएम कार्यालय के बाहर बड़ा प्रदर्शन कर परियोजना प्रशासन को चेतावनी दे दी है। उप्र विद्युत मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री श् ाशिकांत श्रीवास्तव ने कहा कि बिना उचित वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था किये परियोजना मार्ग को बंद करना पूरी तरह गलत है। प्रशासन द्वारा तय किये गये वैकल्पिक मार्ग पर बरसात के मौसम में चलना काफी कष्टकारक है। कहा कि ओबरा-सी के निर्माण में ओबरा अ और ब तापघर के परियोजना कर्मियों के वेलफेयर को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है। ओबरा-सी के निर्माण के लिए जिस तरह योजना बनाई जा रही है उससे नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रेणुकापार के ग्रामीणों को हो रही भारी दिक्कत

ओबरा थाने से ब तापघर तक परियोजना मार्ग बंद करने से सबसे ज्यादा दिक्कत रेणुकापार के ग्रामीणों को हो रही है। रेणुकापार के लाखों ग्रामीण इसी मार्ग से ही ओबरा बाजार आते हैं। खासकर रेणुकापार के सैकड़ों बच्चे प्रतिदिन ओबरा पढ़ने आते हैं। नए सत्र की शुरुआत में ही उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा रेणुकापार कोई भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने से एम्बुलेंस के आवागमन में भी दिक्कतें आ रही हैं।

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