120 गांवों की पानी आपूर्ति में योजना फिसड्डी
जनपद सृजन से पूर्व लगी बढ़ौली कुसाही पेयजल परियोजना अब दम तोड़ती नजर आ रही है। 35 वर्ष पुरानी लगी परियोजना से 155 गांवों में पाइप लाइन से पेयजल आपूर्ति की जानी थी लेकिन वर्तमान समय में इससे मात्र 35 गांवों में ही आपूर्ति की जा रही है। पानी की सप्लाई न होने से अन्य मौसम में तो किसी तरह काम चल जाता है लेकिन गर्मी की शुरुआत होते ही गांवों की हजारों आबादी में पेयजल की समस्या खड़ी हो जाती है। इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना क
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले में बढ़ौली कुसाही पेयजल परियोजना से 155 गांवों तक पानी आपूर्ति करने का लक्ष्य कई सालों पूर्व सिर्फ 35 गांवों तक में सिमट कर रह गया है। हालात तो यह है कि जल निगम के अधिकारियों को यह पता ही नहीं कि पानी आपूर्ति कब बंद हुई। बहरहाल, हर गर्मी में 120 गांवों की हजारों की आबादी पानी की बूंद के लिए तरसती हुई नजर आती है।
दरअसल, राबर्ट्सगंज व चतरा ब्लाक के 155 गांवों में पाइप लाइन से पेयजल आपूर्ति की जानी थी। 1984 में 345.46 लाख की लागत से परियोजना पूरी हुई थी। तीन जगहों पर ओवर हेड टैंक का बनवाया गया था। इसमें परासी का टैंक सालों से खराब है। पाइप लाइन तो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। अब 155 नहीं मात्र 35 गांवों में पेयजल आपूर्ति की जा रही है। गर्मी में टैंकर से गांवों में पानी की आपूर्ति की जाती है। विभाग आज तक मरम्मत के नाम पर बजट का रोना रो रहा है जबकि सरकार हर सुविधाएं देने के लिए बजट मुहैया कराने का भरोसा दे रही है।
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परियोजना की अवधि समाप्त हो गई है। जगह-जगह पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से गांवों में पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। शासन स्तर से कई बार धन की मांग की गई लेकिन, नहीं मिला।
-फणीन्द्र राय, जल निगम एक्सईएन निर्माण शाखा।