फार्मासिस्ट के सहारे पीएचसी का संचालन

स्थानीय क्षेत्र के करीब डेढ़ की आबादी को मुकम्मल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए कोन में न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना है। लेकिन यहां व्यवस्थाओं व सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। लोगों का इलाज भगवान भरोसे ही है। यहां न तो समय से चिकित्सक आते हैं और न ही समय से इलाज की सुविधा मिलती है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Jun 2019 09:16 PM (IST) Updated:Wed, 12 Jun 2019 06:30 AM (IST)
फार्मासिस्ट के सहारे पीएचसी का संचालन
फार्मासिस्ट के सहारे पीएचसी का संचालन

जागरण संवाददाता, कोन (सोनभद्र): नीति आयोग के आंकड़े में पिछड़े जिले में स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति बदतर है। करीब डेढ़ लाख की आबादी को मुकम्मल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए कोन में न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बना है लेकिन यहां व्यवस्थाओं व सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। लोगों का इलाज भगवान भरोसे ही है। यहां न तो समय से चिकित्सक आते हैं और न ही समय से इलाज की सुविधा मिलती है। फार्मासिस्ट के सहारे अस्पताल का संचालन होता है।

दैनिक जागरण की टीम आफिस लाइव कार्यक्रम के तहत सुबह साढ़े आठ बजे अस्पताल पहुंची। जहां पता चला कि चिकित्सक की कुर्सी खाली है। आठ लोगों की टीम में सिर्फ एक फार्मासिस्ट राजकुमार अपना कार्य करते मिला। पूछने पर बताया गया कि अब लोग आते ही होंगे। वहीं चिकित्सक के बारे में बताया गया कि ओबरा रहते हैं। उनका कक्ष सही नहीं है। दीवार कब गिर जाएगी कोई ठीक नहीं। अस्पताल परिसर में वर्षों से खंभे गिरे हैं जिस वजह से अस्पताल परिसर में बिजली भी जुगाड़ से जलाई जाती है। आवासों में पानी नही है। जिससे चिकित्सक ओबरा रहते है और 9 बजे तक आते हैं। अस्पताल परिसर में किसी रूम में पंखा नहीं है। जिससे मरीज व कर्मचारी गर्मी में रहने को विवश हैं। अस्पताल में स्वीपर के न होने से वैकल्पिक सफाई कर्मी रखा गया है। उसकी भी तनख्वाह नहीं मिल रही है। जिससे मुकम्मल सफाई नहीं हो रही है। वहीं होम्योपैथ के चिकित्सक सप्ताह में दो दिन बैठते हैं लेकिन कभी भी नहीं आते हैं। इस अस्पताल में तीन चिकित्सक होने चाहिए लेकिन सिर्फ एक चिकित्सक से अस्पताल चलाया जा रहा है। वहीं एक बलगम जांचकर्ता का भी पद रिक्त है। इंतजार करते रहे मरीज

जिस अस्पताल के जिम्मे करीब डेढ़ लाख की आबादी है उस अस्पताल की दशा यह है कि वहां मरीजों का इलाज कौन कहे यहां काम करने वाले कर्मी तक बीमार हो जाते हैं। कारण कि इस भीषण गर्मी में भी यहां पंखा नहीं चलता। चिकित्सक के इंतजार में बैठे अकरम व मुहम्मद लाल ने कहा कि यहां जब भी इलाज कराने आते हैं तो चिकित्सक का इंतजार ही करना पड़ता है।

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