आधुनिक जीवन शैली से बढ़ा मानसिक तनाव

जासं सोनभद्र विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर गुरुवार को जिला चिकित्सालय में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रेम बहादुर गौतम की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित लोगों को मानसिक रोग के बारे में जानकारी व उसके बचाव के तरीके बताने के साथ ही इसके प्रति लोगों को जागरूक करने पर बल दिया गया जिससे मानसिक रूप से लोगों

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Oct 2019 05:58 PM (IST) Updated:Thu, 10 Oct 2019 05:58 PM (IST)
आधुनिक जीवन शैली से बढ़ा मानसिक तनाव
आधुनिक जीवन शैली से बढ़ा मानसिक तनाव

जासं, सोनभद्र : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर गुरुवार को जिला चिकित्सालय में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित लोगों को मानसिक रोग के बारे में जानकारी व उसके बचाव के तरीके बताने के साथ ही इसके प्रति लोगों को जागरूक करने पर बल दिया गया, जिससे मानसिक रूप से लोगों को छुटकारा मिल सके।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. पीबी गौतम ने कहा कि विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम आत्महत्या को रोकने के लिए मिलकर काम करना है। बताया कि आज के इस भागदौड़ की जिदगी में सबसे बड़ी समस्या मानसिक तनाव की है और यह हर मनुष्य के जीवन में है। तनाव लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास है कि इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाई जाए, ताकि व्यक्ति किसी तरह से मानसिक रूप से स्वस्थ बना रहे। उन्होंने कहा कि इसको लेकर जिले के स्कूलों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए बच्चों को जागरूक किया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि आत्महत्या रोकथाम बेहद जरूरी है, क्योंकि आधुनिक जीवन शैली के साथ ही लोगों के जीवन में तनाव बढ़ रहा है। कहा कि छात्रों में पढ़ाई रोजगार आदि को लेकर भी तनाव बढ़ना आम बात है। वहीं युवाओं में नशीले पदार्थों का सेवन तथा खानपान की गलत आदतों तथा स्वस्थ जीवन शैली  न अपनाने के कारण अनिद्रा तनाव व अवसाद के साथ अनेक मानसिक बीमारियां उत्पन्न होती है। इसमें डा. गणेश प्रसाद, डा. एसके मंजूल, डा. आरबी पांडे, डा. एसएस पांडे, डा. बलराम सिंह, डा. एपी वर्मा, सौरभ सिंह आदि थे।

chat bot
आपका साथी