बालू भंडारण के नाम पर नदियों में अवैध खनन

जासं, गो¨वदपुर (सोनभद्र) : दक्षिणांचल के म्योरपुर, बभनी और बीजपुर थाना क्षेत्र के लैरा, अंजीर, लौवा, असनाहर आदि छोटी नदियो का बालू भंडारण की आड़ में बाहर भी भेजी जा रही हैं। जिससे नदियों के अस्तिव पर खतरा मंडराने लगा है। लगातार खनन से नदियो का दायरा भी सिमट रहा है, साथ ही जल स्तर भी तेजी से नीचे जा रहा है। पर्यावरण कार्यकर्ता जमुना, रमेश,

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 06:07 PM (IST) Updated:Fri, 14 Sep 2018 06:07 PM (IST)
बालू भंडारण के नाम पर नदियों में अवैध खनन
बालू भंडारण के नाम पर नदियों में अवैध खनन

जासं, गो¨वदपुर (सोनभद्र) : दक्षिणांचल के म्योरपुर, बभनी और बीजपुर थाना क्षेत्र के लैरा, अंजीर, लौवा, असनाहर आदि छोटी नदियों का बालू, भंडारण की आड़ में बाहर भी भेजा जा रहा है। इससे नदियों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। लगातार खनन से नदियों का दायरा भी सिमट रहा है। साथ ही जल स्तर भी तेजी से नीचे जा रहा है। पर्यावरण कार्यकर्ता जमुना, रमेश, प्रमोद शर्मा, अमन, विजय, दिनेश जायसवाल आदि ने जिलाधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए कहा है कि लाइसेंस धारक कागजों में सबकुछ दुरुस्त रखते हैं लेकिन, हकीकत यह है कि कांचन, असनहर आदि जगहों पर रात में स्थानीय नदियों का बालू निकालकर डंप दिखा दिया जाता है। इसके बाद उसे आसानी से पूर्वांचल की मंडियों में खपाया जाता है। ग्राम प्रधान दिनेश ने बताया कि जिला प्रशासन ने बालू भंडारण का लाइसेंस इस मकसद से दिया था कि शौचालय और आवास के निर्माण में बालू की समस्या सामने न आए। पर वर्तमान समय में इसका गलत उपयोग हो रहा है। खननकर्ता इसे बाहर भेज रहे है। और स्थानीय क्षेत्र में बालू मिल नहीं रहा है। उन्होंने इसक जांच की मांग की है।

उप जिलाधिकारी रामचन्द्र ने बताया कि भंडारण का बालू बाहर भी बेचा जा सकता है। रही बात लोकल नदियों से बालू खनन की तो इसकी जांच कराई जाएगी। स्थानीय नदियों से खनन होता पाया गया तो कड़ी कार्रवाई होगी।

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