सोनभद्र में एकलव्य विद्यालय बनकर तैयार, आदिवासियों के बच्चे नवोदय विद्यालय की तर्ज पर करेंगे पढ़ाई

Tribal School सोनभद्र जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्‍य विद्यालय बनाकर तैयार किया गया है। यहां पर आदिवासी समुदाय के बच्‍चों को बेहतर स्‍कूली शिक्षा दी जाएगी ताकि वह अपना भविष्‍य और भी बेहतर बना सकें।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 10 Sep 2022 12:03 PM (IST) Updated:Sat, 10 Sep 2022 12:03 PM (IST)
सोनभद्र में एकलव्य विद्यालय बनकर तैयार, आदिवासियों के बच्चे नवोदय विद्यालय की तर्ज पर करेंगे पढ़ाई
सोनभद्र में एकलव्‍य विद्यालय बनकर तैयार हो गया है।

सोनभद्र, जागरण संवाददाता। कोन के पिपरखाड़ में एकलव्य विद्यालय का निर्माण पूरा हो गया है। स्कूल में अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शासन ने पांच करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। इससे जल्द ही विद्यालय में पठन-पाठन शुरू होने के आसार हैं। साथ ही अन्य औपचारिताएं भी पूरी कर ली गई हैं।

जिले में एकमात्र एकलव्य विद्यालय में शिक्षकों की तैनाती प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। इस स्कूल में कक्षा - 6 से 8 तक के बच्चे निश्शुल्क पढ़ाई करेंगे। नवोदय विद्यालय की तर्ज पर यहां आदिवासियों के बच्चे अध्ययन करेंगे। छात्रों को रहने के लिए परिसर में ही आवास, भोजन व किताब-कापी सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी।

सन 2011-12 में 11.37 करोड़ की लागत से विद्यालय का निर्माण शुरू हुआ था। कार्यदायी संस्था ने सन 2013 में स्टीमेट बढ़ाकर 20.57 करोड़ कर दिया। बजट के झाम में स्कूल का निर्माण बाधित हुआ लेकिन बाद में तत्कालीन जिलाधिकारी के हस्तक्षेप से चार आवश्यक कार्य कराए गए, जिसके बाद विद्यालय को संचालित करने का रास्ता साथ हुआ।

विद्यालय के लिए अध्यापकों समेत गैर शिक्षण कर्मचारियों के 52 पद स्वीकृत हैं। इनकी नियुक्ति करने में काफी समय लगता। लिहाजा, रिटायर्ड शिक्षकों से आवेदन मांगे गए, लेकिन एक भी आवेदन नहीं आया। अंतत: संविदा पर 20 शिक्षक रखे गए हैं। इन्हें प्रतिदन चार घंटे पढ़ाना होगा। सोनांचल के आदिवासी बच्चों के विकास व उनकी शिक्षा-दीक्षा के लिए केंद्र सरकार ने पांच करोड़ रुपये देने की स्वीकृत भी दी थी। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि धनराशि प्राप्त होते ही शेष सुविधाएं भी उपलब्ध करा दी जाएंगी। इसके बाद विद्यालय में पठन-पाठन शुरू हो जाएगा।

बोले अधिकारी : एकलव्य विद्यालय में 90 फीसद आदिवासी व 10 प्रतिशत नक्सल प्रभावित, दिव्यांग, आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे प्रवेश ले सकेंगे। सन 2022-23 के लिए शतप्रतिशत 180 बच्चों का प्रवेश लिया जा चुका है। जल्द ही विद्यालय शुरू हो जाएगा। - रमाशंकर यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी, सोनभद्र।

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