नुक्कड़ नाटक से दहेज प्रथा पर प्रहार

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय शिविर के छठवें दिन शिविरार्थियों ने सर्व प्रथम योग आसन प्राणायाम किया। जिसमे कार्यक्रम अधिकारी डा. अमूल्य कुमार सिंह ने स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं को मानसिक व शारीरिक रुप से स्वस्थ रहने के लिए सुख आसन पदम आसन ताड़ासन चन्द्र आसन सहित विभिन्न प्रकार के योग आसन कराया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 Feb 2020 05:05 PM (IST) Updated:Sun, 02 Feb 2020 05:05 PM (IST)
नुक्कड़ नाटक से दहेज प्रथा पर प्रहार
नुक्कड़ नाटक से दहेज प्रथा पर प्रहार

जासं, ओबरा (सोनभद्र) : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के  राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय शिविर के छठवें दिन शिविरार्थियों ने सर्व प्रथम योग, आसन, प्राणायाम किया। स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं को मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए सुख आसन, पदम आसन, ताड़ासन, चन्द्र आसन सहित विभिन्न प्रकार के योग, आसन कराया। स्वंयसेवी छात्र-छात्राओं ने प्राथमिक विद्यालय खैरटिया में दहेज प्रथा व छुआछूत के भेद भाव को नुक्कड़ नाटक से जानकारी दी।

कार्यक्रम अधिकारी डा. किशोर कुमार सिंह, डा. अमूल्य कुमार सिंह, प्रो उपेंद्र कुमार एवं स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं ने संयुक्त रूप से ग्रामीण क्षेत्र के लोगो को दहेज लेने व देने जैसी सामाजिक कुरीतियों से समाज मे होने वाले नुकसान की जानकारी दी। बताया कि दहेज लेना कानूनी अपराध है। दहेज की कुप्रथा बहुत ही तीव्र गति से बढ़ रही है जिसे रोकने की आवश्यकता हैं। लड़कियों को आत्म निर्भर बनाना चाहिए और उस घर में शादी नहीं करनी चाहिए जहां दहेज मांगा जाय। जिस दिन यह दहेज प्रथा समाज से खत्म होगी, उस दिन कोई भी लड़की भ्रूण में नही मरेगी और न ही किसी भी महिला पर अत्याचार होगा। अंत में एक बौद्धिक गोष्ठी हुई जिसमें वाणिज्य प्राध्यापक डा. विकास कुमार ने आयकर के नए प्रावधान के बारे में विस्तार से बताया। इसमें हरज्योत सिंह मोंगा, शुभम कुमार सिंह, मनोज कुमार मिश्रा सहित तमाम शिविरार्थी मौजूद रहे।

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