अनपरा-डी में तकनीकी खामी, घटा उत्पादन

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : अनपरा की डी यूनिट में बुधवार को तकनीकी खराबी आ जाने से बिजली उत्पादन कम हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Jun 2018 04:53 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jun 2018 04:53 PM (IST)
अनपरा-डी में तकनीकी खामी, घटा उत्पादन
अनपरा-डी में तकनीकी खामी, घटा उत्पादन

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : अनपरा की डी यूनिट में बुधवार को तकनीकी खराबी आ जाने से बिजली उत्पादन कम हो गया। सुबह से आई परेशानी को ठीक करने में अभी एक से दो दिन लगेंगे, तब तक इस इकाई को आधे लोड पर चलाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि अनपरा-डी की यूनिट एक के टर्बो ब्वायलर फीड पंप (टीबीएफपी) में दिक्कत आ गई है। जिससे इस यूनिट का लोड कम करना पड़ा। टीबीएफपी का पूरा सिस्टम भाप से चलता है, इसे चलाने के लिए बिजली का प्रयोग नहीं किया जाता। मेंटेनेंस विभाग के कर्मचारी युद्धस्तर पर इसे ठीक करने में जुटे हैं। अधिकारियों के मुताबिक गुरुवार शाम तक इसे ठीक कर लिया जाएगा।

फिलहाल डीटीपीएस को आधे लोड यानि 280 मेगावाट पर चलाया जा रहा है। जबकि इसकी क्षमता 600 मेगावाट की है। कुछ ही दिन पहले लैंको के यूनिट एक में भी बेय¨रग बदलने का काम किया जा रहा था, जिस कारण लैंको को भी कम क्षमता के साथ चलाया जा रहा था। फिर बुधवार को अनपरा डी में भी तकनीकी खामी से उत्पादन घटाना पड़ रहा है। गनीमत है कि प्रदेश में लगभग सभी स्थानों पर मानसून सक्रिय हो गया है जिस कारण बिजली की मांग में कमी आ गई है। नहीं तो बिजली की मांग पूरी करने में उत्पादन निगम को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ता।

बुधवार को दोपहर में बिजली की मांग 16000 मेगावाट के आसपास रही। जबकि कुछ ही दिनों पहले यह आंकड़ा दोपहर में 18000 मेगावाट के आसपास रहता था। पीक आवर में उम्मीद है कि बिजली की मांग 18000 मेगावाट तक पहुंच जाए। बुधवार को अनपरा ए की तीनों इकाइयों से 520 मेगावाट, अनपरा बी की दोनों इकाइयों से 880 मेगावाट जबकि सर्वाधिक क्षमता वाले अनपरा डी की दोनों इकाइयों से 700 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा था। लैंको यानि अनपरा सी की दोनों इकाइयों से भी 900 मेगावाट बिजली बनाई जा रही है। अन्य परियोजनाओं की बात करें तो हरदुआगंज से 450 मेगावाट, ओबरा से 500 मेगावाट और पारीछा से 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। प्राइवेट उत्पादन कर्ताओं की बात करें तो सभी मिलकर तकरीबन 4900 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहे हैं।

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