आवंटित कोल ब्लाक निरस्त करने की मांग

By Edited By: Publish:Wed, 05 Sep 2012 08:49 PM (IST) Updated:Wed, 05 Sep 2012 08:49 PM (IST)
आवंटित कोल ब्लाक निरस्त करने की मांग

अनपरा/ बीना (सोनभद्र): कोल ब्लाक आवंटन में हुई अनियमितता के विरोध में भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ से सम्बद्ध कोल श्रमिकों ने बुधवार के शाम ककरी एवं बीना परियोजना महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन के माध्यम से भारत सरकार व अन्य सभी राजनैतिक पार्टियों के नाम ज्ञापन सौंपा।

बीना में बीएमएस के महामंत्री संजय सिंह एवं ककरी में शाखाध्यक्ष पी.के. सिंह ने कहा कि कोल ब्लाक आवंटन प्रक्रिया को बहुत ही सरल बनाकर निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया। देश में कोयले की मांग को पूरा करने के उद्देश्य से सरकार ने 1993 में कोयला खान राष्ट्रीयकरण अधिनियम 1973 का संशोधन कर स्टील, बिजली एवं सीमेन्ट कारखाना मालिकों को कैप्टिव माइन के नाम पर कोयला निकालने की अनुमति दी थी लेकिन घोटालेबाज सारे नियमों को ताक पर रखकर कंपनियों को लाभ पहुंचाने का काम करने लगे। मजदूर संघ ने समस्त प्रकरण की जांच उच्चतम न्यायालय के पदस्थ न्यायमूर्ति से कराने। कोल ब्लाक आवंटन के लिए आक्शन नीति में विलम्ब के लिए जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध जांच कराकर दंडित किये जाने। आवंटित कोल ब्लाक को निरस्त करने। सरकारी कंपनियों के निरस्त किए गए लाक को वापस किए जाने की मांग की। ककरी में कोयला खदान मजदूर संघ के जिला मंत्री अरूणु कुमार दबे, संयुक्त मंत्री आर.पी. गुप्ता, परियोजना अध्यक्ष पी.के. सिंह, विंध्यवासिनी सिंह, शिवशंकर राय, एन.के. सिंह, महेन्द्र प्रसाद, अशोक कुमार, महेन्द्र यादव, आर.आर. पाण्डेय एवं बीना में बीएमएस के महामंत्री संजय सिंह ने प्रदर्शन को सम्बोधित किया।

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