थमी एंबुलेंस, खतरे में 'जिदगी'

कोई ई-रिक्शा तो कोई पिकअप का सहारा लेने को विवश रोगी और तीमारदार। नहीं हो सकी व्यवस्था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Jul 2020 11:41 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 06:04 AM (IST)
थमी एंबुलेंस, खतरे में 'जिदगी'
थमी एंबुलेंस, खतरे में 'जिदगी'

सीतापुर : महिलाओं के सुरक्षित प्रसव एवं जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से जननी सुरक्षा योजना में 102 एंबुलेंस चल रही हैं, पर सिस्टम की अव्यवस्था में ये इमरजेंसी सेवाओं रविवार से बाधित हैं। एंबुलेंस संचालन ठप होने से अस्पताल आने और छुट्टी होने पर घर लौटने में खास तौर से महिला रोगियों को खासा परेशानी उठानी पड़ रही है। प्रस्तुत है एंबुलेंस जरूरतमंदों की जुबानी-

बुजुर्ग पप्पू को मंगलवार को जिला अस्पताल से छुट्टी मिली थी। घर लौटने को एंबुलेंस नहीं मिली तो 500 रुपये के भाड़े पर निजी वाहन से जा रहे थे। अस्पताल गेट पर वाहन में चाचा को बैठा रहे सुशील ने बताया, रविवार को भी टेंपो से अस्पताल आए थे। पिसावां क्षेत्र के कल्यानपुर के बुजुर्ग पप्पू पेड़ से गिर गए थे। बताया, अस्पताल से छुट्टी मिली तो घर जाने को डॉक्टर से एंबुलेंस कहा तो डॉक्टर ने कहा प्राइवेट वाहन से जाओ।

जिला महिला अस्पताल में बेटे को जन्म देने के बाद जच्चा-बच्चा स्वस्थ होने पर तीसरे दिन मंगलवार को गीता देवी को डॉक्टरों ने घर जाने की इजाजत दी थी। नवजात शिशु को लेकर गीता पति अनीश के साथ घर लौटने को 102 एंबुलेंस की तलाश में अस्पताल के बाहर खड़ी थी। लहरपुर के कंजा निवासी महिला ने बताया, कॉल की तो उसे एंबुलेंस उपलब्ध हो जाने का जवाब जरूर मिला, पर काफी देर तक एंबुलेंस नहीं आई है।

दोपहर के 12.30 बज रहे थे। महिला अस्पताल से बहू गुड्डी व नवजात पोती के साथ बाहर आए मायाराम ने बताया, घर लौटने को एंबुलेंस नहीं मिल रही है। 102 नंबर पर कॉल कर करीब आधे घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार भी किया, पर एंबुलेंस नहीं आई तो मायाराम बहू-नवजात शिश को ई-रिक्शा से लेकर इलसिया ग्रंट चले गए। वहीं, खैराबाद के बरसोहिया की सीमा देवी भी अपने नवजात शिशु को लेकर पति अरविद के साथ ई-रिक्शा से ही घर गई।

निजी एंबुलेंस का महंगा हुआ भाड़ा

जिला महिला अस्पताल के बाहर निजी एंबुलेंस कतारबद्ध खड़ी थीं। चालकों की नजर अस्पताल से निकलने वाले हर व्यक्ति पर थी। एक चालक ने भाड़े के बारे में बताया, लहरपुर तक 700 रुपये भाड़ा लगेगा। पिसावां का रास्ता खराब है पर चल देंगे, भाड़ा 1200 रुपये लगेगा। महमूदाबाद का भाड़ा 1300 रुपये लगेगा। महंगे भाड़ा पर चालक बोले, क्या करें डीजल महंगा है।

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