गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान कर चर्चा में आए थे कमलेश

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By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 11:29 PM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 06:12 AM (IST)
गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान कर चर्चा में आए थे कमलेश
गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान कर चर्चा में आए थे कमलेश

अनिल विश्वकर्मा, सीतापुर:

लखनऊ में गोली मारकर मौत के घाट उतारे गए हिदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के बाद सीतापुर में भी पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है। कमलेश तिवारी मूल रूप से जिले के संदना थाना क्षेत्र के पारा गांव निवासी हैं। वे चर्चा में तब आए, जब वर्ष 2014 में उन्होंने ने अपने पैतृक गांव में नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान किया। पारा गांव के बाशिदों का कहना है कि करीब 18 वर्ष पूर्व कमलेश अपने परिवार के साथ महमूदाबाद चले गए थे। उनके पिता देवी प्रसाद उर्फ रामशरण महमूदाबाद कस्बे के रामजानकी मंदिर में पुजारी थे। कमलेश तिवारी ने दिसंबर 2014 में पारा गांव में गोडसे का मंदिर बनाने का ऐलान किया। उन्होंने दावा किया था कि 30 जनवरी 2015 को पारा गांव में मंदिर की नींव रखेंगे। तब उनका गांव छावनी में तब्दील हो गया था। उसके बाद कमलेश सीतापुर नहीं पहुंचे। ग्रामीणों का कहना है कि दिसंबर 2015 को लखनऊ की नाका पुलिस ने कमलेश तिवारी को धाíमक टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अगस्त 2010 को कमलेश तिवारी को अयोध्या में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि गत 1997 में भी कमलेश तिवारी जेल जा चुके हैं। वे कट्टर हिदू विचारा धारा से जुड़े थे। इंसर्ट

सतर्क रही पुलिस

शुक्रवार को जैसे ही कमलेश तिवारी की हत्या की खबर सीतापुर पहुंची, वैसे ही जिले की पुलिस हरकत में आ गई। महमूदाबाद कस्बे में महमूदाबाद कोतवाली पुलिस के साथ रामपुर कलां व थानगांव थाना पुलिस को तैनात कर दिया गया। जबकि संदना थाना पुलिस को भी अलर्ट किया गया। पुलिस सशंकित थी कि हत्या के बाद कहीं उनके समर्थक सीतापुर में भी न भड़क जाएं। हालांकि यहां पर शांति बनी रही।

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