बिना टेंडर लखनऊ की फर्म को 49 लाख का काम

सिद्धार्थनगर : स्वास्थ्य महकमा में गुपचुप तरीके से बिना टेंडर 48 लाख 82 हजार 995 रुपये का काम लखनऊ की एक फर्म को सौंप दिया गया है। महानिदेशक परिवार कल्याण के निर्देश पर मिजिल्स रूबेला अभियान के तहत टीकाकरण के लिए जनपद में 9 लाख 67 हजार 599 कार्ड पांच रुपये प्रति कार्ड की दर से छपने हैं। इसके लिए या तो पुरानी पंजीकृत संस्था को यह जिम्मेदारी देनी चाहिए थी या फिर टेंडर निकाला जाना चाहिए था, लेकिन जिम्मेदारों ने बिना ई-टेंड¨रग के ही एक ऐसे फर्म को ठेका दिया है, जो पहले से ही दागी है। इस मामले की शिकायत सांसद जगदंबिका पाल ने जिलाधिकारी से की है। डीएम ने सीडीओ को इस मामले की जांच सौंप दी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Nov 2018 10:12 PM (IST) Updated:Sun, 11 Nov 2018 10:12 PM (IST)
बिना टेंडर लखनऊ की फर्म को 49 लाख का काम
बिना टेंडर लखनऊ की फर्म को 49 लाख का काम

सिद्धार्थनगर :

स्वास्थ्य महकमा में गुपचुप तरीके से बिना टेंडर 48 लाख 82 हजार 995 रुपये का काम लखनऊ की एक फर्म को सौंप दिया गया है। महानिदेशक परिवार कल्याण के निर्देश पर मिजिल्स रूबेला अभियान के तहत टीकाकरण के लिए जनपद में 9 लाख 67 हजार 599 कार्ड पांच रुपये प्रति कार्ड की दर से छपने हैं। इसके लिए या तो पुरानी पंजीकृत संस्था को यह जिम्मेदारी देनी चाहिए थी या फिर टेंडर निकाला जाना चाहिए था, लेकिन जिम्मेदारों ने बिना ई-टेंड¨रग के ही एक ऐसे फर्म को ठेका दिया है, जो पहले से ही दागी है। इस मामले की शिकायत सांसद जगदंबिका पाल ने जिलाधिकारी से की है। डीएम ने सीडीओ को इस मामले की जांच सौंप दी है।

अभी तक नगर पंचायत सिद्धार्थनगर में बिना टेंडर के काम का मामला सुर्खियों में था, अब स्वास्थ्य महकमा पर तोहमत लगे हैं। परिवार कल्याण विभाग लखनऊ की महानिदेशक नीना गुप्ता ने प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्साधिकारियों को बीते 23 अक्टूबर को पत्र लिखकर मिजिल्स रूबेला अभियान को संचालित करने के लिए दिशा-निर्देश दिया था। पत्र में यह कहा गया कि एमआर कैंपेन की गतिविधियों को संचालन करने हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए धन 1 करोड़ 4 लाख 3 हजार 330 रुपये धन अवमुक्त कर दी गई है। ¨प्र¨न्टग एवं लाजिस्टिक मद में रिपोíटंग प्रपत्र, एमआर कार्ड, अभिभावक आमंत्रण कार्ड के लिए पांच रुपये प्रति लाभार्थी की दर से भुगतान अनुमन्य किया गया है। यह आदेश आते ही शासनादेश को दरकिनार कर बिना टेंडर के काम केंद्रीय पंचायत उद्योग सरोजनी नगर लखनऊ को दे दिया गया है। जबकि स्थानीय पंचायत उद्योग क्रियाशील है, की उपेक्षा की गई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार पहले से ही इस काम के लिए स्वास्थ्य महकमा में ई-टेंडर के माध्यम से पांच लाख रुपये की धनराशि फ्रेन्डस स्टेशनर्स एंड प्रिन्टर्स फर्म का बतौर जमानत राशि जमा की गई है। दरअसल डीएम कुणाल सिल्कू ने तत्कालीन एसडीएम नौगढ़ महेंद्र मीणा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई थी। कार्ड की छपाई और स्टेशनरी मद में काम के लिए स्थानीय फर्म को दो वर्ष के लिए अधिकृत किया गया था। यानी शर्तों के मुताबिक किसी अन्य फर्म को काम का आवंटन नहीं किया जा सकता, जबतक नई ई-टेंड¨रग की व्यवस्था न हो। स्थानीय स्तर पर नियम का पालन न करने को लेकर कुछ लोग सांसद जगदंबिका पाल से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। इस पर जिलाधिकारी ने जांच के लिए सीडीओ हर्षिता माथुर को निर्देशित किया है।

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व्यय के मानक

माइकोप्ला¨नग:

प्रतिउपकेन्द्र के लिए अनुमन्य 100 रु.

प्रत्येक ब्लाक एवं जनपद स्तर पर 1000 रु. वैक्सीन ट्रांसपोर्ट एवं डिलीवरी:

जनपद एवं ब्लाक स्तर 10000 रु.

टीकाकरण सत्र पर 50 रु.

जनरेटर के लिए 2000 रुपये प्रति ब्लाक

एक पर्यवेक्षक को अधिकतम 20 दिन 100 रु. की दर से

प्रति वाहन-800 रु. प्रतिदिन की दर से 20 दिन

एएनएम, आंगनबाडी, आशा के लिए 200 रु. की दर से प्रशिक्षण और जलपान

1500 जनसंख्या पर चार रुपये प्रति पोस्टर की दर से एक आशा को पांच पोस्टर

मानदेय: 75 रुपया प्रति सदस्य

कंटीजेंसी:10 हजार

मिजिल्स रूबेला अभियान के तहत जनपद में टीकाकरण के काम होने हैं। इसके लिए सीएमओ स्तर से कुछ कार्यों का आवंटन किया गया है। बिना टेंडर के लखनऊ स्थिति एक फर्म को ठेका दिए जाने का मामला संज्ञान में आया है। डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल ने इस संबंध में जांच के लिए कहा था, जिसके लिए सीडीओ को निर्देशित किया गया है। कमी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को अवगत कराया जाएगा।

कुणाल सिल्कू

जिलाधिकारी, सिद्धार्थनगर

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