परिवार समेत धरने पर बैठा होमगार्ड, लगाया गंभीर आरोप

सिद्धार्थनगर : मुकदमें व सजा के आरोप में परेड ड्यूटी से हटाया गया एक होमगार्ड सोमवार को परिवार समेत

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Sep 2018 10:41 PM (IST) Updated:Mon, 17 Sep 2018 10:41 PM (IST)
परिवार समेत धरने पर बैठा होमगार्ड, लगाया गंभीर आरोप
परिवार समेत धरने पर बैठा होमगार्ड, लगाया गंभीर आरोप

सिद्धार्थनगर : मुकदमें व सजा के आरोप में परेड ड्यूटी से हटाया गया एक होमगार्ड सोमवार को परिवार समेत कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गया। उसने जिला प्रशासन व सदर विधायक को ज्ञापन सौंप आरोप लगाया कि गांव के कुछ लोगों ने परिवार के साथ अशोभनीय हरकतें की। इटवा पुलिस पहले मुकदमा नहीं दर्ज कर रही थी और बाद में जब किसी तरह से मुकदमा दर्ज हुआ तो बयान बदलने के लिए उसके परिवार पर दबाव बनाया जाने लगा। यहां तक कि पुलिस व होमगार्ड विभाग को उस पर दर्ज पुराने मुकदमें अचानक याद आ गए। होमगार्ड का कहना है कि मुकदमों में उसे अभी सजा नहीं हुई है। ऐसे में उससे परेड ड्यूटी क्यों छीनी जा रही है। जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप उसने परेड ड्यूटी दिलाने की मांग की है।

ड्यूटी पर परिवार समेत बैठे होमगार्ड श्रवण कुमार पुत्र रामलखन निवासी ग्राम चौखड़ा ने बताया कि उस पर 323, 504, 506 आईपीसी के तहत मामूली धाराएं हैं। इनमें अभी न्यायालय से कोई फैसला नहीं आया है। ऐसे में उसे परेड ड्यूटी से कैसे हटा दिया गया। उसने जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन के माध्यम से यह भी कहा कि उस पर प्रारंभ से बयान बदलने के लिए दबाव बनाया जाता रहा। यह भी आरोप लगाया कि 23 अगस्त को उसे जिला मुख्यालय पर बुलाया गया। कतिपय नेताओं व अफसरों ने उसे नौकरी से निकलवाने की धमकी दी। होमगार्ड ने यह भी बताया कि उस पर वर्ष 1994 में एक और मुकदमा दर्ज हुआ था, पर उच्च न्यायालय से उसे राहत मिल गई है। उसने कलेक्ट्रेट सभागार के बाहर मुख्य विकास अधिकारी से मिलकर भी न्याय दिलाने की गुहार लगाई।

पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह ने कहा कि होमगार्ड द्वारा लगाए जा रहे सभी आरोप गलत हैं। होमगार्ड खुद ही बताएं कि क्या मुझसे कभी उनकी मुलाकात हुई है। उनके द्वारा लगाए जा रहे सभी आरोप निराधार हैं। होमगार्ड विभाग से पुलिस से कुछ लेना नहीं है। दोनों एक दूसरे के कार्य में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। इसमें दबाव बनाने की कोई बात नहीं है। बयान बदलने के लिए भी कहीं कोई दबाव नहीं बनाया गया। आरोपितों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जा चुका है। चार्जशीट भेजी जा चुकी है।

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