लंका में पैर जमा अंगद ने दी रावण को सीख

तहसील क्षेत्र के ग्राम महुआ खुर्द में चल रही रामलीला के छठवें दिन अंगद रावण संवाद का ज्ञानपरक मंचन किया गया। रामादल का दूत बनकर लंका में गए अंगद ने लंका में अपना पैर जमा ताकत व पराक्रम का जहां परिचय दिया वहीं राम से मित्रता कर लेने की रावण को सलाह भी दी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 10:53 PM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 10:53 PM (IST)
लंका में पैर जमा अंगद ने दी रावण को सीख
लंका में पैर जमा अंगद ने दी रावण को सीख

सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र के ग्राम महुआ खुर्द में चल रही रामलीला के छठवें दिन अंगद रावण संवाद का ज्ञानपरक मंचन किया गया। रामादल का दूत बनकर लंका में गए अंगद ने लंका में अपना पैर जमा ताकत व पराक्रम का जहां परिचय दिया वहीं राम से मित्रता कर लेने की रावण को सलाह भी दी।

बुधवार की रात्रि में 8 बजे से शुरू कार्यक्रम में सर्वप्रथम शिव-पार्वती की सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शैलेन्द्र पाण्डेय (सोनू) ने झांकी के समक्ष आरती दिखाकर कार्यक्रम को दिशा प्रदान किया। प्रथम दृश्य हनुमान जी अशोक वाटिका में मां सीता से चूड़ामणि लेकर वापस राम के पास पहुंचते हैं। और उन्हें सीता जी के बारे में बताते हैं। रामचन्द्र जी बानरी सेना के साथ समुद्र पर सेतु बनाकर लंका पर चढ़ाई करते हैं। उसी दौरान विभीषण अपने बड़े भ्राता रावण को समझाते हैं कि राम से बैर मत लो। सीता जी को सम्मान उन्हें वापस कर दो। क्रोधित होकर रावण विभीषण को धक्के मार कर लंका से निकल जाने को कहता है। विभीषण मजबूर होकर राम से मित्रता कर लेते हैं। इधर रामदल में जामवन्त जी सन्धि के लिए दोबारा अंगद को दूत बनाकर रावण के पास भेजते हैं। लंका में प्रवेश करते ही अंगद की मुलाकात रावण के पुत्र राजकुमार से होती है। जहां अंगद के हाथों वह मारा जाता है। रामलीला में अंगद व रावण से जमकर संवाद होता है, जिसे दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। रामलीला में किशन पाण्डेय ने शिव जी की, मानसी पाण्डेय ने पार्वती की, राकेश मिश्र ने राम की, सुनील द्विवेदी ने लक्ष्मण की, विजय कुमार ने सीता की, धर्मप्रकाश दूबे ने हनुमान की, सत्य प्रकाश दूबे ने रावण की, दिलीप ने मन्दोदरी की भूमिका निभाई।

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