रैन कट से पुल के वजूद को खतरा

सिद्धार्थनगर : सरयू नहर खण्ड प्रथम के बिथरिया से निकलने वाले रजवाहे पर कुसहटा गांव के दक्षिण बने पु

By Edited By: Publish:Wed, 20 Jul 2016 10:38 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jul 2016 10:38 PM (IST)
रैन कट से पुल के वजूद को खतरा

सिद्धार्थनगर : सरयू नहर खण्ड प्रथम के बिथरिया से निकलने वाले रजवाहे पर कुसहटा गांव के दक्षिण बने पुल के दोनों तरफ रैन कट से गांव के लोगों का रास्ता कभी भी बंद हो सकता है। कट से बने होल की पटान न होने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

खण्ड के जिम्मेदार नहर की पटरी तथा इन पर बने पुलों के रखरखाव को लेकर कितने संजीदा हैं देखना हो तो कुसहटा गांव के दक्षिण बने पुल पर आइए। कटान की पटान विभाग द्वारा न कराने से पुल के दोनों छोर की मिट्टी नहर में बह कर गांव को जाने वाली मुख्य सड़क कट कर मेड़ का रूप ले रही है। रैनकट से पिचरोड इतना सकरा हो गया है कि चार पहिया वाहन गांव में ले जाने से लोग कतराने लगे है। जिससे ग्रामीणों में भय है कि यदि भारी बरसात होने पर रैनकट बढ़ा तो रास्ता बंद हो जायेगा। बीडीसी रामचंद्र कहते है कि सरयू नहर खण्ड के जिम्मेदारों से कटान पटान के लिए कई बार गुहार लगाई मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामवासी मो.मुबीन कहते है कि रैनकट का यही हाल रहा तो बरसात में ही गांव का रास्ता बंद हो जायेगा। मजीद ने कहा विभाग न चेता तो पिचरोड तो कटेगा ही पुल के वजूद को भी खतरा है। गांव के ही कलीमुर्रहमान ने कहा कटान से पिचरोड सकरी होने के कारण सबसे अधिक समस्या स्कूली बच्चों को होती है बारिश होने पर फिसलन बढ़ जाती है। स्कूल जाते आते समय साइकिल से चोटहिल होने का भय अभिभावकों को हर दम सताता है। बावजूद इसके विभाग पुलिया निर्माण से लेकर अब कभी रैन कट का पटान करने की जहमत नहीं उठाया। इस संबंध में सहायक अभियंता सरयू नहर खण्ड प्रथम तूफानी रावत ने बताया कि जल्द ही रैनकट समस्या दूर करा दी जाएगी।

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