बाढ़ की आशंका से कछारवासियों में दहशत
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर : राप्ती नदी के किनारे निर्मित बांध पर गैप अभी से ग्रामीणों को सताने लगा है। मानसून से पहले मरम्मत न होने के बाद तबाही की आशंका से कछारवासियों में भय व्याप्त है।
खुनियांव विकास खंड के तिघरा मिर्जापुर के बीच महुआ गांव के पूरब बने बांध में रेगुलेटर लगाने के लिए मैटेरियल आदि लाने ले जाने के लिए ठेकेदारों ने बांध काटकर रास्ता बना लिया। पांच साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी आज तक काटे गये बांध के गैप को भरा नही जा सका। जिससे बरसात के मौसम में दुफेड़िया, महुआ पाठक, पचमोहनी, मटेसर नानकार, नरायनपुर, मनखोरिया, तिघरा, गोल्हौरा पाठक, गोबरहा, करही, खुरबंदी, देवभरिया, बसडीला आदि गांवों के लोगों को बाढ़ का डर सताने लगता है। मो. अनवर ने बताया कि बांध का गैप न भरे जाने से एक हजार एकड़ से अधिक फसल पानी में डूबी रहती है। मनोज आर्य का कहना है कि हर साल बाढ़ का पानी तबाही मचाने को बेताब रहता है, मगर किसी द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बलराम तिवारी, अब्दुल मोईद, रामराज पाठक, कपिलदेव मिश्र, सच्चिदानंद, प्रेम प्रकाश त्रिपाठी, कृष्ण पाल सिंह, शत्रुघ्न पाठक, रमेश मिश्र ने बताया कि समय रहते गैप का मरम्मत नहीं हुआ तो हर चुनाव में मताधिकार के दौरान नोटा का प्रयोग किया जायेगा।