सामाजिक समस्याओं का मिटे दशानन तो जिले की और हो तरक्की

देश-प्रदेश के साथ नेपाल सीमा से सटा श्रावस्ती जिला

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 12:22 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 12:22 AM (IST)
सामाजिक समस्याओं का मिटे दशानन तो जिले की और हो तरक्की
सामाजिक समस्याओं का मिटे दशानन तो जिले की और हो तरक्की

श्रावस्ती : देश-प्रदेश के साथ नेपाल सीमा से सटा श्रावस्ती जिला तरक्की की राह पर बढ़ रहा है। साथ ही समस्याएं अब भी मुंह बाए खड़ी हैं, जो तमाम बुराइयों की जड़ हैं। जरूरत है इन रावण रूपी सामाजिक समस्याओं के दहन की, ताकि तराई के इस इलाके का विकास संतुलित तरीके से हो सके। इन समस्याओं की तस्वीर और निराकरण के बारे में बुद्धिजीवियों से बातचीत की। प्रस्तुत है विजय द्विवेदी की रिपोर्ट- चित्र परिचय- 24एसआरटी15- भ्रष्टाचार : समाज में भ्रष्टाचार रूपी रावण अट्हास कर रहा है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन दिन-प्रतिदिन यह सुरसा की तरह मुंह फैलाता जा रहा है। भ्रष्टाचार के चलते गरीबों व असहायों को न्याय नहीं मिल पाता। देश व समाज की तरक्की की राह पर ले जाने के लिए भ्रष्टाचार रूपी दशानन को मिटाना होगा तभी आम आदमी तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकेगा।

-दिनेश शुक्ला, निवर्तमान अध्यक्ष, मॉडल डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन, श्रावस्ती। चित्र परिचय- 24एसआरटी08-

स्वास्थ्य सेवाएं: तराई का यह जिला विकास के पायदान पर सबसे पिछड़ा है। स्वास्थ्य सेवाएं भी बदहाल हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के चलते गरीबों का इलाज नहीं हो पाता। वैसे तो सीएचसी-पीएचसी व जिला अस्पताल है, मगर विशेषज्ञ डॉक्टरों व सुविधाओं का अभाव है। स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना होगा।

-मिथलेश शुक्ला, समाजसेवी। चित्र परिचय- 24एसआरटी09-

बेरोजगारी : शिक्षा के औसत को बढ़ाना होगा। सामान्य शिक्षा के साथ तकनीकी शिक्षा भी जरूरी है। उद्योग के विकास से बेरोजगारी दूर की जा सकती है। बेरोजगारी आर्थिक विकास की ²ष्टि से चिताजनक पहलू है। बेरोजगारी रूपी दशानन को खत्म करना होगा। तभी इलाके का विकास होगा।

- राजीव पांडेय, समाजसेवी। चित्र परिचय- 24एसआरटी10-

गंदगी : स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट में श्रावस्ती की स्थिति ठीक नहीं है। गंदगी की अभिशाप मिटाने के लिए हम सबको आगे आना होगा। घर की साफ-सफाई के साथ आसपास की सफाई कर स्वच्छता का अलख जगा कर गंदगी के कलंक को मिठाना होगा।

-पवनेश शुक्ला । चित्र परिचय- 24एसआरटी11-

बालश्रम : बाल श्रम भी अभिशाप है। पूरे जिले में हजारों बाल श्रमिकों की संख्या होगी। गरीबी की बढ़ती स्थिति के चलते बालश्रम को बढ़ावा मिल रहा है। जितने बाल श्रमिक जिले में दिखते हैं। उससे कई गुना ज्यादा अन्य शहरों को पलायन कर जाते हैं। श्रम व शिक्षा विभाग मिलकर काम करें तो बाल श्रमिकों की समस्या खत्म हो सकती है।

-संजीव नैयर, इकौना। चित्र परिचय- 24एसआरटी07-

निरक्षरता : निरक्षरता का कलंक मिटाने के लिए जागरूकता जरूरी है। सरकार के साथ सभी सामाजिक संगठनों को भी जुटना होगा। जागरूकता ही निरक्षरता का समाधान है। जिले की साक्षरता दर 59.55 फीसद है। साक्षरता दर कम होने से हम लोगों की गिनती पिछड़े जिलों में होती है। विकसित देश बनाने के लिए साक्षरता दर को बढ़ावा होगा। तभी निरक्षरता रूपी दशानन का अंत होगा।

-डॉ. भूदेश्वर पांडेय, प्रधानाचार्य। चित्र परिचय- 24एसआरटी12-

कुपोषण : तराई का यह जिला कुपोषण के मामले में भी आगे है। कुपोषण देश का अभिशाप है। कुपोषण मिटाना एक चुनौती है। इसे स्वीकार कर कुपोषण के अंत के लिए जिम्मेदार लोगों को सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास करना चाहिए।

- अमित शुक्ला, समाजसेवी। चित्र परिचय- 24एसआरटी13-

गरीबी : प्राकृतिक संपन्नता के बावजूद भी जिले से गरीबी का साया मिट नहीं रहा है। मनरेगा व सरकार की योजनाएं भी गरीबी का कलंक नहीं ढो पा रही हैं। शहरों की ओर लोग पलायन कर रहे हैं। कटान व बाढ़ भी गरीबी को बढ़ावा देता है। गरीबी रूपी दशानन के मिटाने के लिए कल-कारखानों को खोलने की जरूरत है।

-विनीत तिवारी । चित्र परिचय- 24एसआरटी14-

आर्थिक विषमता : क्षेत्रों का विकास असमान तरीके से हो रहा है। कुछ क्षेत्र अधिक विकसित हो गए हैं तो कुछ क्षेत्र पिछड़ गए हैं। क्षेत्रवार व जातिवाद जैसी समस्याएं चुनौती बनकर सामने खड़ी हैं। इनसे विलग होकर समान रूप से हर क्षेत्र का विकास होगा तभी आर्थिक विषमता का दशानन मिटेगा।

-दिलीप तिवारी, महामंत्री, मॉडल डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन, श्रावस्ती। चित्र परिचय- 24एसआरटी16-

लैंगिक असमानता : महिलाओं को पुरुषों की तरह अधिकार एवं अवसर देने के मामले में यह जिला काफी पीछे है। नवरात्र के दिनों में देवी की पूजा तो की जाती है, लेकिन बेटी पैदा होने पर लोग गम मनाते हैं। बेटियों को देवी मानकर उन्हें बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।

-रेनू गुप्ता, समाजसेविका।

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