सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रहे अनफिट वाहन
श्रावस्ती सड़कें मंजिल का पता देती हैं और रिश्तों को जोड़ने का सबब बनती हैं।
विजय द्विवेदी, श्रावस्ती : सड़कें मंजिल का पता देती हैं और रिश्तों को जोड़ने का सबब बनती हैं, लेकिन अक्सर इन्हीं सड़कों पर वाहन चालकों की लापरवाही मातम में तब्दील हो जाती है। तब सड़कें बेरहम हादसों की साक्षी बनकर हत्याओं से भी कई गुना तादाद में लोगों का जान गंवाते हुए देखती हैं। हर साल हादसे में दर्जनों लोग मारे जा रहे हैं। किसी भी परिवार के लिए सड़क हादसा बज्रपात की तरह होते हैं। अभी कुछ दिन पहले बौद्ध परिपथ पर इकौना थाना क्षेत्र के राजकीय महामाया डिग्री कॉलेज के पास रात करीब आठ बजे बोरिग पंपिग सेट की पाइप से लदी ट्रॉली से टकरा कर कार में सवार लखनऊ अलीगंज के रहने वाले हिमांचल प्रदेश के इंजीनियर अवधेश तिवारी की मौत हो गई थी। इंजीनियर तिवारी देवीपाटन मंदिर से दर्शन करके वापस घर लौट रहे थे। मौत के बाद परिवार में हाहाकार और चीत्कार करते नाते-रिश्तेदारों से लेकर आमजन की आंखों में गंगा-जमुना बही और फिर हालात जस के तस हो गए। यह स्थिति सिर्फ अवधेश की ही नहीं है। सड़कों पर अनगिनत दुर्घटनाएं होती हैं और दर्जनों जिदगियां सड़कों पर खामोश हो जाती हैं। रात में सड़क किनारे खड़ी रहने वाली ट्रैक्टर-ट्रालियों में तो कोई टेल लाइट ही नहीं होती, रेडियम वाले रिफलेक्टर तक नहीं लगे रहते हैं, जबकि हर साल परिवहन विभाग से फिटनेस का प्रमाण पत्र लिया जाता है। वास्तव में ज्यादा खतरा ऐसे ही खस्ताहाल जर्जर वाहनों से होता है, जो फिटनेस प्रमाण पत्र लेकर अपने आकार और रफ्तार की बदौलत सड़क की सीना रौंदते हैं।
आबादी बढ़ी। सड़कों पर वाहनों का बेड़ा बढ़ा। नहीं बढ़ा तो कानून-कायदों का जकड़न। हादसे क्यों होते हैं, अगर इसकी पड़ताल की जाय तो अधिकतर दुर्घटनाएं यातायात नियमों की अनदेखी के कारण होती हैं। जिले में वाहन दुर्घटनाओं के कारणों में यातायात नियमों की अनदेखी के अलावा अनियंत्रित पार्किंग, वाहनों की खराब फिटनेस, सड़कों की खराबी, नशा व तेज रफ्तार जिम्मेदार है। ठंड के मौसम में घना कोहरा भी दुर्घटनाओं का कारण बनता है। लोग कहते हैं कि परिवहन विभाग समय-समय पर वाहनों की फिटनेस जांचने के लिए अभियान चलाए तो ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
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इनसेट
क्या कहते हैं नियम
-फिटनेस प्रमाण पत्र आवेदन करने के दिन ही मिल जाना चाहिए।
-वाहनों की फिटनेस की समय-समय पर जांच होनी चाहिए।
-यातायात जांच के दौरान अन्य प्रमाण पत्रों के साथ फिटनेस अनिवार्य रूप से देखना चाहिए।
-शराब पीकर वाहन चलाने पर जुर्माने का प्राविधान है।
-प्रेसर हार्न लगाना वर्जित है। वाहनों में फाग लाइट होना अनिवार्य है।
-फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए वाहन ले जाना जरूरी है। वाहन की स्थिति देख कर ही प्रमाण पत्र दिया जाता है। इनसेट
तीन साल में हुए सड़क हादसों का विवरण
वर्ष हादसे घायल मौत
2018 96 77 69
2019 90 66 50
2020 77 44 50
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कुल 263 187 169
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वाहन चेकिग के लिए हर रोज अभियान चलाया जा रहा है। वाहनों का ई-चालान भी किया जाता है। फिटनेस जांच की जिम्मेदारी सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय द्वारा किया जाता है। बावजूद इसके ऐसे वाहनों की जांच के लिए परिवहन विभाग के साथ मिलकर पुलिस संयुक्त अभियान चलाएगी।
-बीसी दूबे, अपर पुलिस अधीक्षक, श्रावस्ती।