मात्र छह मिनट चली मीट प्लांट पर जांच, दी क्लीन चिट

शामली जेएनएन नगर के मीट प्लांट की अब मंडलायुक्त से शिकायत की गयी है। मंडलायुक्त ने मीट प्लांट की जांच के आदेश दिए तो प्रशासनिक अमला हरकत में आया। तहसीलदार ने पशु और खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ मीट प्लांट पर छापेमारी की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Nov 2019 10:24 PM (IST) Updated:Fri, 29 Nov 2019 10:24 PM (IST)
मात्र छह मिनट चली मीट प्लांट पर जांच, दी क्लीन चिट
मात्र छह मिनट चली मीट प्लांट पर जांच, दी क्लीन चिट

शामली, जेएनएन: नगर के मीट प्लांट की अब मंडलायुक्त से शिकायत की गयी है। मंडलायुक्त ने मीट प्लांट की जांच के आदेश दिए तो प्रशासनिक अमला हरकत में आया। तहसीलदार ने पशु और खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ मीट प्लांट पर छापेमारी की। प्लांट पर छापेमारी से कर्मचारियों में हड़कंप मचा गया। टीम ने प्लांट में सीसीटीवी फुटेज खंगालकर जांच-पड़ताल की। मीट प्लांट पर मात्र छह मिनट में जांच की खानापूर्ति की। इसके बाद अधिकारी प्लांट को क्लीन चिट देकर वापस चले गए।

शुक्रवार को तहसीलदार रनबीर सिंह के नेतृत्व में पशु और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने नगर के कांधला रोड पर स्थित मीट प्लांट पर छापेमारी की। दो दिन पूर्व पंजीठ के ग्राम प्रधान इरशाद ने कैराना में पहुंचे मंडलायुक्त से मीट प्लांट बंद कराने की मांग की थी। ग्राम प्रधान का कहना था कि मीट प्लांट के कारण आसपास इलाके में प्रदूषण फैल रहा है और भूजल भी प्रदूषित हो रहा है। इससे लोग हेपेटाइटिस-सी जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। माना जा रहा है कि मंडलायुक्त से शिकायत के बाद टीम मीट प्लांट पर पहुंची। इसके चलते मीट प्लांट में काम करने वाले कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। मीट प्लांट में टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली। इसके बाद मीट प्लांट में घूमकर कर्मचारियों से पूछताछ की गई। इसके बाद टीम लौट गई। टीम में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. राजेश कुमार, डा. पुष्पेंद्र, खाद्य सुरक्षा अधिकारी नरेश कुमार आदि मौजूद रहे।

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ये क्या.. मात्र छह मिनट में जांच ?

मीट प्लांट पर पहुंची टीम ने कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की। सबसे पहले से कुछ देर के लिए अधिकारी कार्यालय में बैठकर सीसीटीवी फुटेज खंगाली। फिर 3.08 बजे अधिकारी मीट प्लांट के निरीक्षण करने लगे और 3.14 बजे उन्होंने तमाम जांच-पड़ताल पूरी कर ली। मात्र छह मिनट में ही कागजी कार्रवाई पूरी कर टीम लौट गई। इससे टीम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते नजर आ रहे हैं।

पैरवी करते नजर आए पशु चिकित्साधिकारी

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने दावा किया है कि वह अवकाश में मीट प्लांट के चलने की सूचना पर औचक निरीक्षण करने आए थे कि कहीं अवैध कटान तो नहीं हो रहा है। क्षमता से ज्यादा तो कटान नहीं किया जा रहा है। इस बीच वह खुद मीट प्लांट की पैरवी भी करते हुए नजर आए। सवाल करने पर उन्होंने कहा कि मीट प्लांट से कोई बदबू नहीं है। वैसे भी मीट प्लांट वाले खुशबूदार पानी का छिड़काव कराते हैं। इनके यहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगा हुआ है, जहां से वह अपने खेत में सिचाई में उपयोग कर रहे हैं। यानि कि बदबू भी कहीं नहीं थी और अधिकारी कहीं खड़े होते भी नजर नहीं आ रहे थे।

मीट प्लांट से जीना हुआ मुहाल

कांधला रोड पर स्थित मीट प्लांट से संचालन से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। प्लांट में हड्डी व चर्बी गलाने की चिमनी चल रही है, जिससे निकलने वाले जहरीले धुएं से वायु प्रदूषण फैल रहा है। मीट प्लांट का गंदा पानी नालियों में बहाए जाने से भूजल स्तर भी प्रदूषित हो रहा है। इससे क्षेत्र में जानलेवा बीमारियां पैर पसारती जा रही है। कई बार मीट प्लांट की शिकायत भी हो चुकी है, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है।

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