जान पर भारी डग्गमारी, अफसरों पर छाई खुमारी
जनपद में सार्वजनिक परिवहन की समुचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में डग्गामार वाहनों में लोगों का सफर करना मजबूरी है। इन वाहनों में लोगों को भूसे की तरह ठूस लिया जाता है।
शामली, जेएनएन। जनपद में सार्वजनिक परिवहन की समुचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में डग्गामार वाहनों में लोगों का सफर करना मजबूरी है। इन वाहनों में लोगों को भूसे की तरह ठूस लिया जाता है। यात्री छतों पर भी बैठे रहते हैं और खिड़कियों पर लटककर सफर करते हैं। पूरा खेल सेटिग पर चल रहा है। सड़क पर दौड़ रहे इन वाहनों को देखकर पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी चुपचाप निकल जाते हैं।
बात शामली नगर की करें या फिर देहात के कस्बों व गांवों की। सभी स्थानों पर डग्गामार वाहनों की भरमार है। जनपदभर में सड़कों पर डग्गामार खटारा हालात में वाहन दौड़ रहे हैं। इन वाहनों के चालकों की मनमर्जी का आलम यह है कि कुछ रुपयों की खातिर वह अपने वाहन की छत पर लोगों को बैठाकर उनकी जान को दांव पर लगा डालते हैं। ऐसे वाहन जब कभी हादसाग्रस्त होते हैं या फिर उनकी वजह से कोई बड़ा हादसा तो जाता है तो चालक दुर्घटना बताकर अपना पल्ला झाड़ लेता है और प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी उस समय कार्रवाई कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। इसके बाद ये वाहन फिर से सड़क पर फर्राटा भरते हैं। देखने में यह भी आया है कि कई वाहनों पर नम्बर प्लेट तक अपठित होती है और न ही गाड़ी के पंजीकरण पेपर उनके पास होते हैं।
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यहां से चलते हैं डग्गामार वाहन
गढ़ीपुख्ता मार्ग, धीमानपुरा रेलवे क्रासिग, विजय चौक, नगर के दिल्ली रोड़ पेट्रोल पंप के पास समेत कई स्थानों पर डग्गामार वाहन खड़े होते हैं। झिझाना, बुढाना, कैराना के लिए भी नगर से डग्गामार वाहन चलते हैं।
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जानकारी के बावजूद साधी चुप्पी
नगर ही नहीं, पूरे जनपदभर में डग्गामार व खटारा वाहन यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इस बारे में परिवहन विभाग के अधिकारी के साथ ही पुलिस अधिकारी भी जानकारी रखते हैं, लेकिन दोनों ही विभाग कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधे हुए हैं। नगरवासी इस मामले में परिवहन अधिकारी के मुकाबले पुलिस को ज्यादा जिम्मेदार मानते हैं।
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बीते समय में हुए हादसे:
जुलाई 2018 में मेरठ-करनाल हाईवे पर पलटी बस, दो की मौत, दर्जनों लोग घायल।
- सितंबर 2018 में बनत क्षेत्र सड़क हादसे में छात्र की मौत।
- सितंबर 2018 में ही आदर्श मंडी क्षेत्र में सड़क हादसे में गोहरनी के जंगल में युवक की मौत।
- पिछले वर्ष दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर जलालाबाद क्षेत्र में एक की मौत, आधा दर्जन घायल।
- बीते वर्ष 2017 में सितंबर माह में थानाभवन के गंगोह रोड बस बस पलटने से पांच की मौत, 32 घायल।
- वर्ष 2017 मेरठ-करनाल हाइवे पर ओवरलोड की टक्कर से बाइक सवार दो युवकों की मौत।
- वर्ष 2019 में लगभग तीन माह पहले लिसाढ गांव के पास टैंपू की टक्कर से एक पैदल राहगीर की मौत।
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ये हो सकता है समाधान-
- डग्गामार वाहनों पर लगाना होगा प्रतिबंध।
- छत पर बैठकर यात्रा पर रोक लगानी होगी।
- पुराने हो चले डग्गामार वाहनों को किया जाए सीज।
- बसों पर लगाई छत व सीढ़ी को हटवाना होगा।
- अधिकारी नियमित रुप से करें चेकिग।
- हर माह जिलाधिकारी करें कार्रवाई की समीक्षा।
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इन्होंने कहा-
ऐसे वाहनों की सूची तैयार कराकर एसपी को भेजूंगा। जल्द ही इन वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। अब से पहले भी कार्रवाई की जाती रही है।
-भंवर सिंह, जिला यातायात प्रभारी।
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इन्होंने कहा-
पिछले दिनों प्राइवेट स्कूलों में लगे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की थी। अब डग्गामारी करने वाले वाहनों के खिलाफ अभियान शुरू करेंगे।
-मुंशीलाल, एआरटीओ।
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