ध्यान दें..दम घुटने से जा सकती है जान
जागरण संवाददाता, शामली : यदि आप सर्दी से बचने के लिए अपने घर या फिर कार में यात्रा करते स
जागरण संवाददाता, शामली : यदि आप सर्दी से बचने के लिए अपने घर या फिर कार में यात्रा करते समय हीटर, अंगीठी का प्रयोग कर रहे हैं तो सावधान हों, क्योंकि आपका यह कदम जानलेवा साबित हो सकता है। आपकी जान जा सकती है। विशेष तौर पर कार में हीटर चलाकर बच्चों को कभी भी अकेला न छोड़ें। बंद कार व कमरे में हीटर, अंगीठी जलाने से कार्बन मोनोक्साइड गैस बन जाती है और उसकी चपेट में आकर दम घुटने लगता है। बेहोशी भी आ जाती है। इस दशा में यदि ज्यादा देर तक उपचार या कोई बचाव नहीं करता तो मौत होना स्वाभाविक है।
मौसम गर्मी का हो या फिर सर्दी का, दोनों ही मौसम में कुछ हालात ऐसे होते है जिनमें व्यक्ति की जान चली जाती है। गर्मी के मौसम में एसी का उतना ही प्रयोग करना चाहिए जिससे शरीर पर उसका ज्यादा प्रभाव न पड़े। यदि आप एसी वाले माहौल से निकल कर गर्मी के माहौल में जाएंगे तो उससे बीमारी चपेट में ले लेगी जो शरीर के लिए घातक होगी। सर्दी का मौसम भी कभी कभी जानलेवा बन जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो मौसम नहीं, मौसम में उपयोग में लाने वाली सुविधाएं जान के लिए दुश्मन बन जाती है। इनमें लंबी यात्रा पर चलते समय कार में हीटर का प्रयोग, घर में सोते समय बिना वेंटीलेटर वाले कमरे में अंगीठी जलाना या फिर हीटर चलाकर सो जाना बीमारी व कभी कभी मौत का भी कारण बन जाती है।
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एक मासूम की हो चुकी मौत
बता दें कि 28 अप्रैल 2014 को कैराना निवासी पत्रकार महराब का ढाई साल का बेटा आहद बिना किसी को बताएं वर्ना कार में बैठ गया था। इस दौरान कार की सभी ¨वडो खुद ही लॉक हो गई थी। चूंकि कार बंद हो चुकी थी तो इसके बाद कार में कार्बन मोनोक्साइड गैस बन गई जिससे बच्चे की मौत हो गई थी। गर्म तापमान में बनती है कार्बन मोनोक्साइड गैस
शामली के चाइल्ड स्पेशलिस्ट चिकित्सक वेदभानू मलिक का कहना है कि सर्दी के मौसम में कार में लंबे समय तक हीटर चलाना, बंद कमरे में हीटर या फिर अंगीठी जलाकर सो जाना जानलेवा है। यदि कार को चलाते समय उसकी ¨वडो थोड़ी नहीं खोलकर रखी गई या कमरे में वेंटीलेटर नहीं हुआ तो समझ लो, कुछ भी हादसा हो सकता है, क्योंकि इन हालातों में कार्बन मोनोक्साइड गैस बन जाती है जिसके प्रभाव में आकर दम घुटने लगता है। बेहोशी भी आ जाती है। बेहोश होने पर यदि जल्द ही उपचार नहीं दिलाया गया अथवा देर तक बेहोशी रहती है तो इस दशा में मौत भी सकती है। डाक्टर बताते है कि कार्बन मोनोक्साइड गैस शरीर में आक्सीजन को कम करती है। आक्सीजन कम होना शरीर को शिथिल व र्निजीव बना देती है। कभी भी ऐसा न होने दें कि बच्चा अंदर बैठा हो और कार की सभी खिड़की ऑटोमेटिक तरीके से बंद कर दी जाए। बंद कार में हीटर, गैराज में खड़ी कार में हीटर चलाना या फिर बंद कमरे में अंगीठी, हीटर का प्रयोग करें, ऐसा करने पर कार्बन मोनोक्साइड गैस बनने से समस्या बन जाती है।