सात वर्ष पूर्व खन्ना के नामांकन में आए थे अरुण जेटली
पूर्व वित्त मंत्री व कानूनविद् अरुण जेटली के निधन से देश ही नहीं जनपद में भी शोक की लहर दौड़ गई।
जेएनएन, शाहजहांपुर : पूर्व वित्त मंत्री व कानूनविद् अरुण जेटली के निधन से देश ही नहीं जनपद में शोक की लहर है। राज्य सभा नेता प्रतिपक्ष के रूप में अरुण जेटली पांच फरवरी 2012 को शहर में आए थे। तब उन्होंने वर्तमान कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना के नामांकन के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित किया था। संघ कार्यालय पर जेटली ने खन्ना समेत भाजपा व संघ पदाधिकारियों से भेंट की थी। भाजपा सैनिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष गोविद मोहन अवस्थी का हाथ पकड़कर वह टहल रहे थे। उनके निधन पर सुरेश खन्ना समेत भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर, भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश मिश्रा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह यादव तथा डीसीबी चेयरमैन डीपीएस राठौर ने गहरा दुख जताया है।
कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अरुण जेटली से उन्होंने काफी कुछ सीखा। उनके निधन से देश की अपूर्णनीय क्षति हुई है। देश ने कुशल राजनेता, प्रखर वक्ता, कानूनविद सच्चा सपूत खो दिया है। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में राजनीति की शुरूआत करने वाले अरूण जेटली से जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। बीएचयू छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव जीतने के दौरान उनके संघर्ष व शिक्षाओं पर अमल किया। उनके असमय निधन से देश की अपूर्णनीय क्षति हुई है। गोविद मोहन अवस्थी ने कहा कि जेटली उनका हाथ पकड़कर काफी देर तक टहलते रहे। वह बड़े सहज व सरल थे। उनके निधन से देश का बड़ा नुकसान हुआ है। संसद की कार्रवाई में अब धाराप्रवाह गंभीर भाषण वाला नहीं दिखेगा।