धुएं में न उड़ाएं दाम, आएं दूसरों के काम

दीपावली के त्योहार पर पटाखा कारोबार दुकानदारों के लिये फायदे का सौदा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Oct 2018 11:05 PM (IST) Updated:Tue, 30 Oct 2018 11:05 PM (IST)
धुएं में न उड़ाएं दाम, आएं दूसरों के काम
धुएं में न उड़ाएं दाम, आएं दूसरों के काम

शाहजहांपुर: दीपावली के त्योहार पर पटाखा कारोबार दुकानदारों के लिये फायदे का सौदा है। हर बार लोग करोड़ों रुपये के पटाखों में आग लगा देते हैं। जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। पटाखा छुड़ाने से दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र ही नहीं छोटे शहरों भी लोगों को सांस लेना मुश्किल हो जाती हैं। इसका जहरीला धुआं कई दिनों तक वातावरण को दूषित करता है। जिले में पिछली साल दीपावली पर दो करोड़ रुपये से अधिक के पटाखों में आग लगाई गई थी। अगर यही रकम किसी गरीब और जरूरतमंद परिवार की मदद में लगायी जाए तो वह भी अपना त्योहार को खुशियों से मना सकेंगे। पटाखा छुड़ाने से नुकसान

- आर्थिक नुकसान होता है

- वातारण दूषित होता है

- हादसा होने का रहता है खतरा दीपावली पर पटाखे छुड़ाकर लोग खुशियां मनाते है। लेकिन इन खुशियों के बीच हमें पर्यावरण का भी ध्यान रखना चाहिए। पटाखे एक सीमित सीमा तक ही छुड़ाना चाहिए। सरकार को इसके लिए बीच का रास्ता निकालना चाहिए कि लोगों की खुशियों में भी खलल न पड़े और पर्यावरण की शुद्धता भी बनी रहे। पटाखे में बारूद बहुत कम मात्रा में भरने की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उनकी आवाज भी कम रहे।

डॉ. अकील अहमद, पूर्व प्राचार्य जीएफ कॉलेज व पर्यावरणविद

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